किसानों को FREE मिलेंगे तिलहन फसलों के बीज, 10 हजार करोड़ रु का बजट हुआ स्वीकार, किसानों के साथ देश को होगा लाभ

On: Thursday, October 10, 2024 4:18 PM
किसानों को FREE मिलेंगे तिलहन फसलों के बीज,

किसानों को FREE मिलेंगे तिलहन फसलों के बीज, 10 हजार करोड़ रु का बजट हुआ स्वीकार, किसानों के साथ देश को होगा लाभ। चलिए जानिये क्या है सरकार की योजना। किसानों को क्या-क्या होगा फायदा।

राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन

किसानों के लिए बड़ी अच्छी खबर है। तिलहल फसलों की खेती के लिए सरकार उन्हें फ्री में बीज के साथ और भी खेती से जुड़ी सुविधाएँ देगी। जिसके बारें में आपको हम बताने जा रहे है। लेकिन उससे पहले बता दे कि केंद्र सरकार ने यह फैसला देश में तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिया है। जिसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन को मंजूरी दे दी है। इ

जिसके अंतर्गत किसानों को सरसो, सोयाबीन, मूंगफली, और सूरजमुखी के साथ तिल की बुवाई के लिए उन्नत बीज फ्री दिए जाएंगे। यह योजना देश के करीब 21 राज्यों के 347 जिलों में चलाई जायेगी। जिसके लिए केंद्र सरकार ने 10,103 करोड़ का बजट स्वीकार किया गया है। तो चलिए जानते है कहाँ होंगे ये करोडो रु खर्च।

फ्री बीज के साथ ये सभी सुविधाएँ भी मिलेंगी

यहाँ पर किसानों को तिलहल फसलों की खेती के लिए फ्री में बीज के साथ और भी मदद मिलेगी। जिसमें बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय खाद्य तेल तिलहन मिशन योजना में किसानों को कृषि मशीन, फसल बीमा, सूक्ष्म सिंचाई, मधुमक्खी पालन और कृषि लोन आदि योजनाओं का लाभ भी मिलेगा। इतना ही नहीं प्रोसेसिंग यूनिट को एग्री इंफ्रा फंड के द्वारा वित्तीय मदद भी मिलेगी। इसके आलावा सरकार बीज संग्रह और तेल यूनिट क्षमता में सुधार करने के लिए काम करेगी। यानी की किसानों हर संभव मदद मिलेगी। जिसका कारण चलिए आपको बताते है।

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विदेशो से करना पड़ता है तेल आयात

दरअसल हमारे देश में खाद्य तेल दुसरे देशो से मंगाएं जा रहे है। जबकि हमारे यहाँ इतनी बढ़िया खेती होती है फिर भी सरकार को दुसरे देशो से तेल आयात करने पड़ते है। इसी लिए सरकार किसानों के सब मदद दे रही ताकि खाद्य तेलों की खेती हो, इसमें किसानों को नुकसान न हो। आपको बता दे कि भारत ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 165 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया था।

क्योकि घरेलू स्तर पर खाद्य तेल का उत्पादन 40-45 % ही हुआ। जिसके कारण 60% तेल विदेशों से आयात किया गया है। इस तरह सरकार खाद्य तेल के उत्पादन में बढ़ोत्तरी करना चाहती है।

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