फसल से कम उत्पादन मिलने का एक कारण समय पर खेती न करना भी होता है तो चलिए इस लेख में आपको बताते हैं कौन से महीने में कौन सी सब्जी लगाने पर ज्यादा फायदा होगा अधिक पैदावार मिलेगी कमाई अधिक होगी
महीने के अनुसार सब्जी की खेती में मुनाफा
सब्जी की खेती से किसान कम समय में अधिक कमाई कर पाते हैं। लेकिन अधिक कमाई करने के लिए उनके पास उपज भी बढ़िया होनी चाहिए। जब पैदावार ज्यादा होगी तभी तो ज्यादा फायदा होगा। जिसमें किसानों को कई चीजों पर ध्यान रखना पड़ता है। जिसमें से एक चीज है समय, समय के अनुसार खेती करने पर अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। साथ ही साथ किसान को मिट्टी, खाद, पानी आदि चीजों का भी ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए आज सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि किस महीने में कौन-सी सब्जी किसान भाई लगा सकते हैं।
किस महीने में कौन-सी सब्जी लगाए
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार महीने का नाम और उसमें लगाई जाने वाली सब्जियों के बारे में जानिए।
- अभी दिसंबर का महीना चल रहा है। इस लिए सबसे पहले हम इस महीने की बारें में जान लेते है। जिसमें बता दे कि सरसों की साग, काली सरसों की खेती, पालक की साग, बैंगन, मूली, पत्ता गोभी, टमाटर, प्याज आदि लगा सकते है। यह फसलें आसानी इस माह में तैयार हो जाती है।
- इसके बाद जो किसान जनवरी में सब्जियों की खेती करना चाहते है तो शिमला मिर्च, राजमा, चप्पन कद्दूमूली, बैंगन, मूली, पालक आदि चीजे लगा सकते है।
- वहीं जो किसान फरवरी में खेती करना चाहते है तो करेला, भिण्डी, तुरई, लौकी, फूलगोभी, अरबी, पेठा, ग्वार, तरबूज, खरबूजा, खीरा ककड़ी, लोबिया बैंगन, शिमला मिर्च, राजमा, पालक, आदि लगा सकते है इसकी फसल बढ़िया से तैयार होगी।
- अब मार्च महीने की बात करें तो पेठा, लौकी, करेला, पालक, फूलगोभी, भिण्डी, तुरई, अरबी, तरबूज, खरबूजा, खीरा ककड़ी, ग्वार, लोबिया, शिमला मिर्च आदि लगा सकते है। मार्च में भी इस फसलों की खेती कर सकते है। लेकिन कीमत अगेती फसलों की अधिक मिलती है।
- अगर अप्रैल महीने में खेती करना है तो मूली, चौलाई लगा सकते है। गर्मियों में मूली की खेती में फायदा होता है।
- गर्मी में मई महीने में खेती करना है तो मिर्च, मूली, बैंगन, प्याज और फूलगोभी लगा सकते है।
- भयंकर गर्मी जून महीने में लगाई जाने वाली सब्जी की खेती की बात करें तो जून में बीन, शरीफा, खीरा-ककड़ी, लौकी, करेला, भिण्डी, तुरई, टमाटर, फूलगोभी, अरबी, पेठा, चौलाई, लोबिया, प्याज आदि सब्जियां लगा सकते है।
- इसके बाद जब बरसात शुरू होती है उस समय जुलाई में किसान टमाटर, लौकी, करेला, मूली, भिण्डी, तुरई, चौलाई, खीरा-ककड़ी, लोबिया और पेठा आदि लगा सकते है। जिसमें उन्हें पानी की निकासी का ध्यान रखना चाहिए।
- फिर अगस्त महीने में किसान शलगम, पालक, गाजर, धनिया, बीन, चौलाई, ब्रसल्स स्प्राउट, टमाटर, काली सरसों के बीज, फूलगोभी आदि की खेती कर सकते है।
- वहीं सितंबर में किसान ब्रोकोली, सौंफ, काली सरसों, मूली, फूलगोभी पत्ता गोभी, आलू , टमाटर, पालक, शलगम, गाजर, धनिया, सलाद आदि की खेती कर सकते है। इनमें भी खेत में पानी ना भरें इसका ध्यान रखना है।
- फिर जब बरसात बंद होने और हल्का तापमान गिरने लगे उस समय अक्टूबर में मटर, लहसुन, हरी प्याज, सौंफ, काली सरसों, मूली, बैंगन, राजमा, फूलगोभी-पत्ता गोभी, ब्रोकोली, आलू-टमाटर, शलगम, गाजर, धनिया, सलाद, पालक आदि लगा सकते है।
- अब नवंबर महीने की बात करें तो इस समय में किसान मटर, चुकंदर, काली सरसों के बीज, मूली, बैंगन, शिमला मिर्च, पालक, फूलगोभी-पत्ता गोभी, ब्रोकली, राजमा, आलू-टमाटर, शलगम, गाजर, धनिया, लहसुन-प्याज आदि सब्जियों की खेती कर सकते है।
इन सब्जियों की किसान अगर उन्नत किस्मों का चुनाव करेंगे तो बढ़िया उपज मिलेगी। जिसमें किसानों को अपनी मंडी की डिमांड का ध्यान रखना चाहिए।
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