खेतों के तरफ देखेंगे नहीं जंगली जानवर, फ्री का यह घोल फसलों में छिड़क दें, जानिये इस चमत्कारी उपाय के बारें में

खेतों के तरफ देखेंगे नहीं जंगली जानवर, फ्री का यह घोल फसलों में छिड़क दें, जानिये इस चमत्कारी उपाय के बारें में। जिससे किसानों की फसल सुरक्षा की टेंशन होगी खत्म।

जंगली जानवरो से फसल की सुरक्षा

खेती में किसानों को सिर्फ फसल की बुवाई, कटाई में मेहनत नहीं करनी पड़ती बल्कि जंगली जानवरों से सुरक्षा करना भी एक बड़ा काम होता है, और इससे किसानों को भारी घाटा भी हो जाता है। अगर एक भी दिन किसान खेत में झांकने नहीं गया तो जंगली जानवर का काम तमाम कर देते हैं। ऐसे में किसान की मेहनत पानी में चली जाती है। जिसके लिए किसान हमेशा परेशान रहते हैं, और तरह-तरह के उपाय ढूंढते रहते हैं।

तो किसान भाइयों आज हम आपके लिए एक नया उपाय लेकर आए हैं। आपको बता दे कि इसके बारे में कृषि एक्सपर्ट से जानकारी मिली है तो चलिए जानते हैं वह कौन-सा उपाय है जिससे बिना किसी दवाई और ₹1 खर्च किए भी किसान अपनी फसलों को जंगली जानवरों से बचा सकते हैं।

खेतों के तरफ देखेंगे नहीं जंगली जानवर, फ्री का यह घोल फसलों में छिड़क दें, जानिये इस चमत्कारी उपाय के बारें में

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फ्री का यह घोल जंगली जानवरों से फसल बचाएगा

कृषि विशेषज्ञ का कहना है कि किसान नीम की पत्ती और गोबर पानी से ऐसा चमत्कारी घोल बना सकते हैं जिससे फसल को जानवरों से बचाया जा सकता है। यह घोल इतना बढ़िया होता है की फसल के आसपास जंगली जानवर नहीं घूमेंगे। अगर वह गलती से खेत के पास आ भी जाते हैं तो वह फसल को सूंघते ही खेत से भाग जाएंगे।

इस घोल को बनाने के लिए एक किलो नीम की पत्ती, 1 किलो गोबर और 20 लीटर पानी की आवश्यकता होगी। जिसमें पहले आपको नीम की पत्ती को अच्छे से पीस कर गोबर और पानी के साथ मिलाकर 10 घंटे के लिए रखना है। उसके बाद आप फसल में इसे छिड़क सकते हैं। नीम की पत्ती कड़वी होने के कारण फसल जानवर नहीं खाएंगे और गोबर इसलिए डाला जाता है क्योंकि गोबर की इतनी तेज गंध होती है कि जानवर सूंघते ही किनारा ले लेते हैं।

इस घोल को बनाने में कोई खर्चा नहीं आएगा। नीम की पत्तियां किसान आसानी से अपने गांव से ही प्राप्त कर लेंगे और गोबर भी गांव में आपको मुफ्त में ही मिल जाएगा। इस घोल को फसलों में डालने से एक के नहीं कई फायदे हैं। चलिए जानते हैं उसे बारे में।

इस घोल के एक नहीं कई फायदे है

अगर किसान इस घोल का इस्तेमाल करते हैं तो जंगली जानवर के साथ-साथ फसलों में कीट का प्रकोप भी नहीं होगा। क्योंकि नीम के पत्ते और गोबर होने के कारण कीट की समस्या भी नहीं रहेगी। इससे भी फसल सुरक्षित रहेगी। इसके अलावा किसानों का अन्य खर्च और रात दिन फसलों की सुरक्षा करने में मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी। जिसमें खर्चा यह आता है की फसलों की सुरक्षा करने के लिए किसान तार लगाते हैं, बाउंड्री बनाते हैं, लेकिन अगर आप यह मुफ्त का घोल डालते देते हैं तो फसलों की सुरक्षा करने के लिए आपको खेत की तकवारी नहीं करनी पड़ेगी।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद