खेती से सालाना 17 करोड़ कमा रहे, कहलाते है पापाया मैन, जानें एक एकड़ से 14 लाख कमाने का फार्मूला।
खेती से चमकी तकदीर
अगर आप कम जमीन में ज्यादा कमाई करना चाहते हैं तो आज हम आपको एक ऐसे किसान की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं जो एक एकड़ में करीब 14 से 15 लाख की कमाई करते हैं। वही पूरे जमीन की खेती से वह सालाना 17 करोड रुपए का टर्नओवर ले रहा है। हम बात कर रहे हैं सुधीर कुमार की जिन्हें पपाया मैन और एप्पल मैन के नाम से भी जाना जाता है। सुधीर कुमार चड्ढा कालाढूंगी उत्तराखंड के रहने वाले हैं। खेती किसानी करके वह पैसा नाम रुतबा सब कुछ काम रहे हैं। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं यह किन फसलों की खेती करते हैं और इन्हें कैसे करोड़ों में कमाई हो रही है।
सब्जी फल और फूलों की करते है खेती
किसान बताते हैं कि वह एक साथ कई फसलों की खेती करते हैं। जिसमें वह एक एकड़ की जमीन में ही दो से तीन फसले लगा लेते हैं। जिससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा होता है। जिसमें शुरुआत में तो उन्होंने पपीते के साथ अदरक की भी खेती की। जिसमें उन्हें अच्छी खासी सफलता मिली। उन्होंने पपीते के पौधे से मिलने वाले उत्पादन को बढ़ाया। विदेश की तकनीक को अपनाया। नई चीजों पर काम किया। जिससे उन्हें अधिक उत्पादन मिल रहा है।
आपको बता दे कि वह पपीता, ग्लेडियोलस और पेठा के अलावा कई सब्जी और फलों की खेती करते हैं। जिससे एक एकड़ में खेती करके 14-15 लाख रुपए की आमदनी हो जाती है। उन्होंने बताया कि पपीते की खेती में उन्हें गेहूं से कई गुना ज्यादा मुनाफा हो रहा है। जिसकी वजह से वह फलों की खेती करते हैं। वह विदेश से नई-नई किस्मे लेकर आते हैं और भारत में खेती करके उनकी बिक्री करते हैं। जिससे उन्हें अच्छी खासी कमाई हो रही है। चलिए जानते हैं उन्हें सालाना 17 करोड़ का टर्नओवर कैसे मिल रहा है।

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सालाना 17 करोड़ की कमाई
पपीता से 10 लाख, पेठा से 50-60 हजार और फूलों से तीन लाख तक कमाई हो रही है। इस तरह एक एकड़ में खेती करके मुनाफा कमा रहे हैं। इसके अलावा अन्य खेती से वह सालाना 17 करोड़ की कमाई कर रहे हैं। जिसमें वह दो से ढाई करोड रुपए तो मजदूरी ही दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि 170 लोग उनके साथ काम कर रहे हैं। 18 से 20 लाख उनकी सैलरी है। लेकिन उन्हें खेती में सफलता एक दिन में नहीं मिली बल्कि सालों की मेहनत है।
कई साल उन्होंने एक खेती को दिए हैं। पहले पपीता और अदरक की खेती सालों तक करते आ रहे थे। उसके बाद वह फूलों की खेती भी कर रहे थे। जिसमें उन्होंने बताया कि ग्लेडियोलस फूल के कंद जो कि वह विदेश से मंगाते थे और बताते हैं कि देशभर का अरबों का आयात होता था। लेकिन अब वह इसके बीज अपने देश में ही उगाने लगे हैं वह भी उसी क्वालिटी में। जिसमें उन्होंने 10 साल लगाए।
इसके अलावा वह पपीते की खेती में भी उपज में भी बढ़ोतरी की, साथ-साथ एप्पल के उपज में भी बढ़ोतरी की। उन्होंने बताया कि एप्पल की उपज विदेश में 5 गुना ज्यादा होती थी। तो इसके बाद उन्होंने दो से तीन देशों की तकनीक का इस्तेमाल करके अपने देश में भी इस तकनीक को लगाई और अब वह पपीता-सेब आदि से कई गुना ज्यादा उपज ले रहे हैं। वह बिल्कुल जैविक खेती करते हैं जिससे उनकी कीमत भी मिलती है।
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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको ‘काम की खबर’ दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद