खेती के ये 7 काम रोबोट करेंगे फटाफट, किसानों को होगा आराम, मजदूरी की समस्या खत्म, जानिये कौन-सा रोबोट क्या करेगा।
किसानों को होगा आराम रोबोट कर देंगे काम
खेती करना मेहनत का काम है। कई चीजे खुद से करनी पड़ती है, नहीं तो मजदूरों की व्यवस्था करनी पड़ती है। लेकिन अब खेती के काम रोबोट भी करेंगे। जी हाँ जैसे हर क्षेत्र में टेक्नोलॉजी जैसे काम आसान कर रही है उसी तरह अब किसानों के काम भी विज्ञान की मदद से कम समय बिना मशीनों की मदद से होंगे। जिससे किसानों को राहत मिलेगी। मजदूर न मिलने की झंझट खत्म हो जाएगी और खेती के काम भी बढ़िया से सही तरीके से होंगे। तो चलिए आपको बताते है खेती का कौन-सा काम कौन-सा रोबोट करेगा।
खेती के ये 7 काम रोबोट करेंगे फटाफट
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिये खेती का कौन-सा काम कौन-सा रोबोट करेगा।
- खेत में बीज अगर सही तरीके से बोया जाए तो उत्पादन अधिक होता है। बता दे कि रोबोट बीज बोने का भी काम कर लेंगे। जिसमें बीज बुवाई के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने रोबोट बनाया है। यह रोबोट बढ़िया से खेत में बीज लगा देगा। जिससे किसानों को मदद मिल जायेगी।
- खेत में खरपतवार के नियंत्रण और मिट्टी को पलटने के लिए निराई-गुड़ाई करते है जिसमें मेहनत लगती है है, मगर अब निराई-गुड़ाई करने के लिए इवो नामक रोबोट का इस्तेमाल कर सकते है।
- अगर किसान पौधे लगा रहे है तो यह भी रोबोट से लगवा सकते है। इसके आलावा पेड़ को एक जगह से दूसरी जगह रखने के काम को भी ट्री रोवर नाम के रोबोट से कर सकते है। यह रोबोट किसानों के साथ-साथ अन्य लोगो के भी पेड़ की जगह बदलने के काम आ सकता है।
- वही पौधो की बेल की छंटाई, जैसे अंगूर के बागों में बेलों की छंटाई के लिए कारगर रोबोट है। जिससे किसानों के काम आसान होंगे।
- वहीं फसल काटने के लिए किसान ‘ऑक्टेनियन रोबोट’ का इस्तेमाल कर सकते है। इससे स्ट्रॉबेरी तोड़ सकते है। ज्यादा मददगार होगी।
- इसके आलावा मिट्टी जांच के लिए मिट्टी का नमूना जुटाने के लिए स्मार्टकोर रोबोट काम आता है यह ऑटोमेटिक ही मिट्टी निकाल लेता है। जिसकी जाँच कर सकते है और जान सकते है मिट्टी में किस चीज की कमी है।
- खेती में मुर्गी पालन का व्यवसाय भी आता है। जिसमें पोल्ट्री की देखभाल के लिए स्वैगबॉट नामक रोबोट आता है। इससे काम उनका आसान होता है। रोबोट पूरा काम करके देता है।
इस तरह आप देख सकते है खेती के कई किसान रोबोट की मदद से कर सकते है। लेकिन लागत अधिक आएगी। मगर जिन्हे मजदूर नहीं मिलते है और बड़े पैमाने पर खेती करते है उनके लिए यह मददगार है।