गर्मियों में खीरा की खेती से जमकर कमाई करनी है तो जानिये बुवाई से कटाई तक का गणित, जिससे ताबड़तोड़ हो पैदावार

गर्मियों में खीरा की डिमांड बढ़ जाती है तो अगर आप अभी फरवरी में खीरा के खेती करके अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो चलिए आपको खीरा की खेती का सही तरीका बताते हैं-

खीरा की मांग

खीरा की खेती में किसानों को मुनाफा है, सही समय पर खीरा की बुवाई किसान, सही तरीके से करते हैं तो अच्छी पैदावार मिलने के साथ मंडी में अच्छा भाव भी मिलेगा। गर्मियों में भारी डिमांड में रहता है, क्योंकि यह सेहत के लिए फायदेमंद होता है। वही शादी पर सलाद के रूप में खीरा की मांग अधिक होती है तो चलिए आपको खीरा की खेती के बारे में कुछ उचित जानकारी देते है।

खीरा की खेती कब करें

खीरा की खेती के लिए किसान जलवायु और समय का भी ध्यान रखें। जिसमें खीरा की खेती के लिए 20 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान बेहतर होता है। वही समय की बात करें तो फरवरी से मार्च के बीच किसान खीरा की खेती कर सकते हैं और जून से जुलाई में भी खीरा की खेती की जाती है।

खीरा की बुवाई कैसे करें

खीरा की खेती से अच्छी पैदावार लेने के लिए किसान उन्नत किस्म का चुनाव करें। कुछ हाइब्रिड किस्में भी आती है जिससे अच्छी उपज किसानों को मिलती है, जैसे पूसा के उत्कर्ष, सफेद, बरखा, सयोग और जापानी ग्रीन आदि बेहतर है। इसके अलावा अपने मंडी की डिमांड का भी ध्यान रखें। बुवाई 2 या 3 सेंटीमीटर की गहराई में करें। जिसमें दो पंक्तियों के बीच की दूरी डेढ़ से 2 फिट रखें। जिससे अच्छी फसल होगी।

खीरा की खेती के लिए अब आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है, जैसे कि पॉलीहाउस या नेट हाउस यहां पर खीरा की गुणवत्ता में सुधार रहता है और किसी भी समय खीरा की खेती करके अच्छा उत्पादन लेकर मंडी में ज्यादा कीमत पर खीरा की बिक्री कर सकते हैं। खीरा की खेती के लिए 6 से 7 के बीच मिट्टी का पीएच मान हो तो बेहतर माना जाता है। खेत में पानी के निकासी भी बढ़िया होनी चाहिए। जोताई के समय पुरानी गोबर की खाद या कोई भी जैविक खाद डालें जिससे पैदावार अच्छी होती है।

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सिंचाई और कटाई

अच्छी फसल लेने के लिए किसानों को फसल का पूरा ध्यान रखना पड़ता है। जिसमें आपको बता दे कि अगर गर्मियों में खीरा की फसल है तो तीन से चार दिन में सिंचाई करनी चाहिए। इसके अलावा मौसम के अनुसार भी सिंचाई का ध्यान रखना चाहिए की कितनी सिंचाई की आवश्यकता है। समय-समय पर फसल का निरीक्षण करते रहना चाहिए।

वही कटाई की बात करें तो खीरा की फसल 50 से 70 दिन में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। साथ ही ध्यान रखें कि खीरा का आकार मध्य और चमकदार हरा हो तभी तोड़े। खीरे की गुणवत्ता के आधार पर भी किसानों को कीमत मिलती हैं। इसलिए उसका पूरा किसानों का ध्यान रखना चाहिए। एक हेक्टेयर में किसान खीरा की खेती करते हैं तो 15 से 20 टन तक उत्पादन मिल सकता है। लेकिन इसके लिए किसानों को पूरा ध्यान रखना पड़ता है हर एक छोटी चीज पर विस्तार से जानकारी होनी चाहिए। तभी खेती से अधिक कमाई कर पाएंगे।

इसके अलावा कम पानी में खेती करने के लिए ड्रिप सिंचाई पद्धत्ति का इस्तेमाल करें, खरपतवार से निपटने के लिए मल्चिंग तकनीकी बेहतर मानी जाती है, इससे पैदावार अधिक होती है, लागत भी कम हो जाती, क्योंकि मजदूरों की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती।

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