4 साल तक खेत में नहीं उगेगी खरपतवार, ये 3 उपाय करें, 100% होगा इलाज, मजदूरों की ज़रूरत नहीं पड़ेगी

अगर खेत में बार-बार खरपतवार उगते हैं, तो चलिए एक ऐसा उपाय बताते हैं जिससे खरपतवार उगेगी नहीं और मजदूर लगाने की ज़रूरत भी नहीं पड़ेगी।

खेत में खरपतवार होने के नुकसान

खेत में खरपतवार उगने से कई तरह की समस्याएं आती हैं, जैसे कि ये फसल से पोषक तत्वों में प्रतिस्पर्धा करते हैं। साथ ही, खेत में सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंच पाता है। इसके अलावा, कीट व फंगस की समस्या भी अधिक हो जाती है। जब खरपतवार निकालनी पड़ती है, तो मजदूरों का खर्चा भी काफी आता है। तो चलिए अब वे तीन तरीके बताते हैं, जिनसे मजदूर की ज़रूरत बेहद कम हो जाएगी और 3 से 4 साल तक खेत में खरपतवार नहीं उगेंगे।

खरपतवार रोकने के तीन उपाय

नीचे दिए गए तीन बिंदुओं के अनुसार, खरपतवार हटाने के तरीके जानिए:

1. खरपतवार चटाई का इस्तेमाल करें (वीडमैट)

  • सबसे पहले हम उस उपाय की बात करेंगे जो तीन से चार साल तक असर करेगा। दरअसल, इसका नाम वीडमैट है। अगर आप सब्जियों की खेती बेड बनाकर करते हैं, तो दो बेड के बीच की जो दूरी होती है, वहां वीडमैट बिछा सकते हैं। इससे वहां पर खरपतवार नहीं उगेगी।
  • अगर बारिश होती है तो वीडमैट पानी को जमीन के भीतर जाने देता है। हालांकि, यह धूप और हवा को अंदर नहीं जाने देता, जिससे खरपतवार नहीं होती।
  • यदि 1 एकड़ में दो बेड के बीच की दूरी 3 से 4 फीट है, तो वीडमैट पर करीब 24,000 से 25,000 रुपये का खर्च आता है। जबकि 4 साल में मजदूर का खर्चा जोड़ें तो लगभग ₹48,000 तक हो जाता है। इस तरह, वीडमैट से आधे खर्चे में खरपतवार की सफाई कर सकते हैं।

2. हाथ से चलने वाला कल्टीवेटर

  • अगर किसान हाथ से चलने वाला कल्टीवेटर इस्तेमाल करते हैं, तो खरपतवार को सिर्फ एक मजदूर से ही साफ कर सकते हैं। जहाँ पहले 8 से 10 मजदूर लगते थे, वहां यह कल्टीवेटर अकेले ही कुछ ही देर में सारा काम कर देगा।
  • 1 एकड़ में लगभग ₹4,000 से ₹5,000 तक की बचत होती है। यह हाथ से चलने वाला कल्टीवेटर ई-कॉमर्स साइट्स पर ₹3,000 तक में उपलब्ध है।

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3. गेहूं या धान की पराली का इस्तेमाल करें

  • इसके अलावा, गेहूं और धान की पराली का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। यह खाद का भी काम करेगी। इसके लिए, आपको बेड के बीच पराली बिछानी होती है, जिससे धूप अंदर नहीं जाती और खरपतवार नहीं उगती।
  • लंबे समय तक यह वहीं पड़ी रहती है और धीरे-धीरे खाद बन जाती है। इस तरह पराली जलाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और उसका उपयोग भी हो जाएगा। यदि पराली आपके पास नहीं है, तो आप इसे सस्ते में खरीद सकते हैं।
  • अगर आप इन तीन तरीकों में से किसी एक या सभी को अपनाते हैं, तो यकीन मानिए, खेत में खरपतवार से छुटकारा मिलेगा और मजदूरों की ज़रूरत भी काफी हद तक खत्म हो जाएगी।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद 

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