खरबूजा जैसी कद्दूवर्गीय फसलों में गमी स्टेम ब्लाइट रोग से 40% बर्बाद होगी फसल, जानिये इसके लक्षण और नियंत्रण

खरबूजा की फसल में लगने वाले भयंकर रोग से किसानों को पैदावार कम मिल सकती है तो चलिए आपको इस रोग के लक्षण और उपचार बताते हैं-

खरबूजा की फसल में रोग

खरबूजा की खेती किसानों के लिए एक मुनाफे का सौदा है। लेकिन अगर फसल में रोग बीमारी लग जाती है तो पैदावार कम हो जाती है। जिससे किसानों को नुकसान हो सकता है। इस समय किसान खरबूजा की खेती में जुटे हैं। गर्मियों में खरबूजा की डिमांड बढ़ जाती है। इस लिए रोग बीमारी से किसानों को अपनी फसल बचानी पड़ेगी। जिसमें आपको बता दे की खरबूजा या खरबूजा जैसे अन्य कद्दू वर्गीय फसल में रोग देखने को मिल सकता है। इस रोग का नाम गमी स्टेम ब्लाइट (जीएसबी) है यह एक फ़ंगस से होने वाला रोग है।

गमी स्टेम ब्लाइट को ब्लैक रॉट भी कहते है। यह रोग खरबूज़े के अलावा, तरबूज़, ककड़ी, कद्दू, और स्क्वैश जैसी कई कद्दूवर्गीय फ़सलों में देखने को मिल जाता है तो इन किसानों को सतर्क रहना चाहिए। चलिए जानते गमी स्टेम ब्लाइट के लक्षण क्या है।

गमी स्टेम ब्लाइट रोग के लक्षण क्या है?

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार गमी स्टेम ब्लाइट के लक्षण जानें-

  • इस रोग से फसल के तने फटने लगते है और चिपचिपे, लाल भूरे रंग के रिसाव की बूंदें निकलती दिखती है।
  • यह रोग जब फसल को घेरता है तो तने पर गहरे, पानी से लथपथ घाव दिखाई देते है।
  • इस रोग के कारण पत्तियों पर असर दिखेगा जिसमें भूरे-काले, पानी से लथपथ धब्बे दिखाई पड़ेंगे।
  • अगर रोग फलों तक पहुँच गया है तो संक्रमित फलों पर पानी से लथपथ धब्बे काले रंग की सड़ांध के क्षेत्रों में दिखाई देंगे। जिससे किसान पहचान सकते है। चलिए जानते है यह रोग फैला तो उपाय क्या करें।

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गमी स्टेम ब्लाइट रोग के बचाव

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानें गमी स्टेम ब्लाइट रोग फसल को घेर रहा तो क्या करें किसान-

  • गमी स्टेम ब्लाइट रोग के अगर शुरुआरी लक्षण है या फसल में अभी यह इसका ज्यादा प्रभाव नहीं हुआ है तो कॉन्टैक्ट फंगीसाइड डाल सकते है।
  • लेकिन अगर फसल में गमी स्टेम ब्लाइट रोग बहुत भयानक रूप से फ़ैल रहा है, फसल को अपनी चपेट में ले लिया है तो उसके लिए सिस्टेमिक फंगीसाइड का इस्तेमाल करें। जैसे स्कोर, विस्मा, या फिर अमिस्टर।
  • किसान चाहे तो जैविक उपचार भी कर सकते है।
  • इसके आलावा संपर्क कवकनाशक युक्त फ़ॉर्मूलेशन का प्रयोग कर सकते है।
  • किसानों के पास क्लोरोथैलोनिल, मैंकोज़ेब, थियोफ़ैनेट-मिथाइल, और टेबुकोनाज़ोल, मैनेब जैसे कवकनाशकों का विकल्प है।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद 

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