आलू जैसी अन्य फसलों को सर्दियों में बहुत नुकसान होता है। पाला-कोहरा से फसल सड़ने लगती हैं तो चलिए इस लेख में जानते हैं कि पाला-कोहरा से फसल कैसे बचाएं-
पाला-कोहरा से फसल को नुकसान
सर्दियों में तापमान गिरने से फसलों को भी नुकसान होता है। ज्यादा सर्दी पड़ने से शीतलहर से फसले सड़ने लगती हैं। पत्तियों के अंदर का पानी बर्फ बनने लगता है। जिससे फसल गलकर खराब हो जाती है। विकास रुक जाता है। उत्पादन घट जाता है। फसलों में झुलसा रोग लगने की भी संभावना बढ़ जाती है। जी हां सर्दियों में आलू की फसल में झुलसा रोग लग सकता है। जिससे किसानों को भारी नुकसान हो सकता है। तो चलिए इस लेख में जानते हैं कि कृषि विशेषज्ञ सर्दियों में पाले से फसल को बचाने के लिए क्या उपाय बताते हैं।
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ठंड से फसल कैसे बचाएं
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए सर्दियों में आलू की फसल को पाला-कोहरा से कैसे किसान बचा सकते हैं-
- शाम के समय तापमान गिरने से रोकने के लिए किसान धुआ कर सकते हैं। फसल से कुछ दूरी में सूखी लकड़ी पराली हल्की जलाकर या गोबर के सूख कंडे जलाकर तापमान को बढ़ा सकते हैं।
- इसके अलावा सिंचाई भी कर सकते हैं। यहां पर हल्की सिंचाई खेत में करने से जमीन का तापमान नहीं गिरता है। जिससे फसल की जड़ों को पाला से बचाया जा सकता है।
- फसल को अगर पोषक तत्वों की कमी नहीं होगी तो फसल में गर्माहट बनी रहेगी। जिससे वह सर्दी से लड़ सकता है। जिसके लिए पोटाश डाल सकते हैं। इससे पौधे में ठंड सहन करने की शक्ति बढ़ जाती है।
- फसल को किसान धक भी सकते हैं जैसे कि आलू की खेती किसान अगर बहुत बड़े पैमाने पर नहीं कर रहे हैं तो कोई पुरानी तिरपाल या फिर पराली से भी ढक कर पाले से बचा सकते हैं।
- अगर रसायन का छिड़काव करना चाहते हैं तो सल्फ्यूरिक एसिड अच्छा विकल्प है। इसके अलावा भी अन्य पाले रोधी रसायन आते हैं जिससे किसान अपनी फसल को ठंड से बचा सकते हैं। इसके बारे में आप कृषि केंद्र में संपर्क कर सकते हैं।
- आलू की फसल में ठंडी राख का भी छिड़काव कर सकते हैं। इससे पत्तियों को पाला नहीं लगता है। क्योंकि पत्तियों पर राख रहती है। राख कीटनाशक का भी काम करेगी। इससे फसल को पोषण भी मिलता है।