इस लेख में हम जानेंगे की 5कौन सी बेल वर्गीय फसले हैं जिन्हें जनवरी से मार्च के बीच लगाकर हर महीने ₹100000 की कमाई की जा सकती है-
मुनाफे वाली बेल वाली सब्जी
सब्जियों की खेती में किसानों को मुनाफा है। आज हम कुछ बेल वर्गीय सब्जियों की खेती के बारे में जानेंगे, जिसमें से पांच मुख्य ज्यादा मुनाफा देने वाली फसलें है। जिसमें जानेंगे की कौन सी सब्जियां है, उनकी कौन सी वेराइटी लगाए, कितनी जमीन में लगाए, कितना उत्पादन मिलेगा, और उससे कितनी कमाई होगी। जिसमें सबसे पहले हम सब्जियों के नाम जान लेते हैं तो उन पांच बेल वर्गीय फसलों के नाम है करेला, गिलकी, तरोई, सेम की फली और लौकी। जिसमें सबसे ज्यादा करेला की खेती में किसानों को मुनाफा होता है। चलिए अब जानते हैं कितनी जमीन में हम कौन सी सब्जी लगाएंगे और उनकी बढ़िया वैरायटी कौन सी है।
कौन सी सब्जी कितनी जमीन में लगाएँ
यहां पर हम पांच बेल वाली सब्जियों को कितनी जमीन में लगाना है इसकी चर्चा करेंगे। क्योंकि बाजार में किसी सब्जी की कीमत कभी ज्यादा तो कभी कम होती है। अगर हम दो से तीन सब्जियों की खेती करते हैं तो बेहतर होता है। जिसकी कीमत अधिक मिलती है तो कमाई हो जाती है और जिसकी कीमत कम मिलती है तो वह भी नुकसान नहीं होता। तो अगर इन पांच सब्जियों की खेती किसान करना चाहते हैं उनके पास से जमीन ज्यादा है तो एक एकड़ में करेला और 0.5 – 0.5 एकड़ में गिलकी – तुरई, सेम की फली लगा सकते हैं और खेत के चारों तरफ किनारो में लौकी की सब्जी की खेती कर सकते हैं।
बीज के लिए वेराइटी
किसान को अपने मंडी की डिमांड के अनुसार बीज का ध्यान करना चाहिए की मंडी में उस सब्जी की कौन सी वेराइटी की ज्यादा अच्छी कीमत मिलती है। जिसमें मुख्य तौर पर अगर हम बात करें तो लौकी की खेती के लिए VNR की सरिता, हारूना और महिको की MAHY 8, MAHY WARAD अच्छी है। सेम फली की लगा रहे हैं तो Sarpan SFB 42 वाइन लगा सकते हैं।
तुरई के लिए NSGH 22 रजनी बढ़िया है और गिलकी के लिए NSGH 341 लगा सकते हैं। अगर करेला की खेती कर रहे हैं तो वीएनआर की आकाश और सिंजेंटा की BGH 106 लगा सकते हैं। यह बढ़िया वैरायटी है। आप अपने भरोसेमंद बीज की दुकान से भी ज्यादा उत्पादन देने वाली बीज की वैरायटी की जानकारी ले सकते हैं कि आपके क्षेत्र के जलवायु के अनुसार कौन सी बीज की वैरायटी बढ़िया रहेगी।
बुवाई का तरीका
- किसी भी फसल की खेती के लिए सबसे पहले खेत की बढ़िया से तैयारी करनी चाहिए। जिसमें करेला, तुरई, गिलकी की खेती के लिए बढ़िया दो बार खेत जोत लीजिए। एक बार रोटावेटर चला दीजिए और बेड बनाकर बुवाई कीजिए।
- जिसमें दो बेड के बीच की दूरी 4 से 5 फिट रखें और बेड की चौड़ाई 2 फीट, ऊंचाई 14 इंच बेहतर होती है।
- 25 माइक्रोन का मल्चिंग पेपर लगाए।
- एक से डेढ़ फीट के दूरी में छेंद बनाये और उसमें दो से तीन बीज लगाए।
- लौकी की खेती करें तो दो से तीन फीट की दूरी में बीज की बुवाई करें।
- बेल वाली फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए, रोग बीमारी से बचने के लिए मंडप बनाकर खेती करने से बेहतर होता है।
- जिसमें करेला की खेती में मंडप में करने में सबसे ज्यादा फायदा होता है। लंबे समय तक उत्पादन मिलता है। रोग बीमारी कम लगती है और उपज की क्वालिटी भी बढ़िया होती है।
उत्पादन और कमाई
उत्पादन और कमाई की बात करें तो इन सब्जियों की खेती से बढ़िया उत्पादन और बढ़िया कमाई भी होती है। कीमत अच्छी मिलती है। सेहत के लिए सभी सब्जियां फायदेमंद है। बाजार में हमेशा इनकी डिमांड रहती है। जिसमें करेला की खेती अगर किसान एक एकड़ में करते हैं तो 100 क्विंटल उत्पादन प्राप्त होगा। जिससे डेढ़ लाख की कमाई हो जाएगी। अगर कीमत ₹15 तक मिलती है। लेकिन कीमत इससे ज्यादा आपके मंडी में मिलती है तो ज्यादा कमाई होगी।
वही लौकी की खेती अगर आप खेत के किनारो में भी कर लेते हैं तो भी 15 से 18000 रुपए की कमाई हो जाती है। इसके अलावा अगर आधा एकड़ की जमीन में यानी कि 0.5 एकड़ की जमीन में सेम फली की खेती करते हैं तो उसे 80000 रुपए कमाई होगी, उत्पादन अगर 20 क्विंटल मिल जाता है।
वहीं गिलकी और तुरई की बात करें तो 0.5 एकड़ की जमीन में यह सब लगाते हैं तो दोनों से कुल मिलाकर एक लाख की कमाई हो जाएगी। यानी की कुल मिलाकर 2.5 एकड़ की जमीन से 3.50 लाख की कमाई की जा सकती है। यानि कि अच्छा मुनाफा हो जाएगा। हर महीने के हिसाब से ₹100000 यहां पर कमाई हो रही है। यह कहें की उससे ज्यादा ही। लेकिन इसमें लागत भी आएगी तो भी ₹100000 तो आसानी से हर महीने बचाया जा सकते हैं। यह लंबी अवधि की फसल हो सकती है, अगर समय-समय पर बीच-बीच में जैविक खाद देते रहे, तो कमाई अधिक हो जाएगी।