दूध का उत्पादन अधिक करने वाली गाय का पालन करने से कम गायों से भी पशुपालक अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं-
दुधारू गाय
दुधारू गाय का पालन करके अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है। गाय पालन कमाई का एक अच्छा विकल्प है। सरकार भी सहयोग कर रही है। विभिन्न प्रकार के सब्सिडी दे रही है, चारा, रहने का स्थान, गाय की खरीदी, हर चीज में सब्सिडी मिल रही है। जिससे गोपालन कम लागत में किया जा सकता है। लेकिन एक ऐसी नस्ल की गाय जो दूध उत्पादन अधिक करती हो, उसका पालन करने से पशुपालकों का अधिक फायदा होगा।
कम गाय पालनी पड़ेगी, देख रहे कम करनी पड़ेगी, चारा दाना की आवश्यकता कम पड़ेगी, लेकिन दूध अधिक मिलेगा। जिसमें आज हम जिस दुधारू गाय की बात कर रहे हैं उसे एक दिन में 1000 की कमाई और महीने की ₹30,000 एक गाय से कमाया जा सकता है।
28 लीटर दूध देने वाली गाय
दुधारू गाय अगर जमकर दूध देने लगे तो पशुपालको के मजे हो जाते है। जिस गाय की हम बात कर रहे हैं वह एक दिन में 28 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है। जबकि यह गाय तीन बार बछड़ा दे चुकी है। फिर भी इतनी अधिक मात्रा में दूध दे रही है। पशुपालकों को अगर बढ़िया खर्च करना है तो अधिक दूध उत्पादन करने वाली गाय का पालन करना चाहिए। जैसे कि भावनगर के एक पशुपालन जिग्नेश भाई डांगर कर रहे हैं। इन्होंने HF नस्ल की गाय का पालन किया है जो की एक कमाल की गाय हैं।
इसका दूध प्रति लीटर वह पशुपालक ₹38 तक बेंच रहे हैं। दूध की कीमत अलग-अलग क्षेत्र में कम या ज्यादा हो सकती है। पशुपालन में यह भी बताया है कि गाय का पालन किस तरीके से करना चाहिए, उसे क्या खिलाना चाहिए, कब खिलाना चाहिए, ताकि दूध अधिक मिले, तो चलिए इसके बारे में जानते हैं।

ज्यादा दूध लेने के लिए क्या करें
अगर पशुपालक चाहते हैं कि उनकी गाय ज्यादा मात्रा में दूध दे, सेहतमंद रहे, तो चारा दाना का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही समय पर उन्हें खाने को देना चाहिए। साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए। सेहत का ध्यान रखना चाहिए। किसी तरह की कोई समस्या दिखाई दे सेहत के प्रति तो पशु चिकित्सक से तुरंत संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा जिग्नेश भाई डांगर का कहना है कि वह 4:00 से उठकर पशु की देखभाल में लग जाते हैं। 4:00 बजे तो पहले दूध लगाते हैं, उसके बाद उसे चारा और साफ-सुथरा पानी पीने को देते हैं। दोपहर के समय गाय को धूप और खुले वातावरण में रखते हैं।
शाम को फिर दूध निकालने के पहले ही उसे चारा देते हैं और पौष्टिक आहार भी देते हैं। इसके अलावा सर्दी और गर्मी का ध्यान रखते हुए पशु के रहने के स्थान में बदलाव करते हैं। सर्दियों में ठंड और शीतलहर से बचाने के लिए व्यवस्था करते हैं। तथा गर्मी में लू से गाय को बचाने के लिए पूरी व्यवस्था रखते हैं। इतना ही नहीं बरसात में ध्यान रखते हैं कि पशुओं को आसपास पानी ना आए।
गर्मी में ठंडे पानी की व्यवस्था करते हैं। इसके अलावा पशुओं का ठंडी देने का इंतजाम करते हैं। सर्दियों में बंद जगह पर रखते हैं। इस तरह भले ही एक अच्छी नस्ल की गाय हैं लेकिन अगर देखभाल अच्छे से नहीं करेंगे तो वह दूध भी कम देगी।