MP में सिंचाई का रकबा 100 लाख हेक्टेयर तक होगा, एक-एक खेत तक पहुंचेगा पानी, दिवाली-धनतेरस में किसान अपने खाते से निकालेंगे पैसा

On: Sunday, October 12, 2025 9:00 AM
सिंचाई का रकबा होगा 100 लाख हेक्टेयर तक

MP के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों के लिए कई बड़े वादे किए, जिसमें उन्होंने सिंचाई और सोयाबीन के किसानों की चर्चा की। तो आइए जानते हैं विस्तार से—

सिंचाई का रकबा होगा 100 लाख हेक्टेयर तक

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कल मीडिया से बातचीत के दौरान किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में सिंचाई का रकबा 52 लाख हेक्टेयर तक पहुँच चुका है, जो कि वर्ष 2023 तक 42 लाख हेक्टेयर था। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार आने के बाद इसमें उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।

सीएम ने कहा कि आने वाले 5 वर्षों में प्रदेश के हर गांव के प्रत्येक खेत तक सिंचाई का पानी पहुँचेगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार का लक्ष्य आने वाले 5 सालों में सिंचाई का रकबा 100 लाख हेक्टेयर तक पहुँचाने का है, जिससे हर गांव के किसानों को फायदा मिलेगा।

सोयाबीन किसानों को हर साल मिलेगा अधिक दाम

सिंचाई के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने सोयाबीन के किसानों के लिए भी अच्छी खबर दी। उन्होंने कहा कि पहले किसानों को ₹4800 प्रति क्विंटल दाम मिलता था, लेकिन अब ₹528 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी के साथ किसानों को ₹5328 प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है, जो कि काफी अच्छा है।

सीएम ने कहा कि सरकार यहीं नहीं रुकेगी, बल्कि हर साल किसानों को फसलों का बेहतर दाम दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे भावांतर योजना का लाभ उठाएँ। इसके लिए 24 अक्टूबर से पंजीयन की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें किसानों को बाजार भाव और समर्थन मूल्य के बीच की राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी।

दिवाली-धनतेरस में अपने खाते से पैसा निकालेंगे किसान

मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि दिवाली और धनतेरस पर किसान अपने खातों से सीधे पैसा निकाल सकेंगे। किसानों को सरकार द्वारा सीधा पैसा उनके खाते में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि अब किसानों को परेशान होकर मंडियों के चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं है, न ही उन्हें लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ेगा। यदि किसानों के पास मंडी का बिल है, और उन्हें बाजार में समर्थन मूल्य से कम दाम मिला है, तो सरकार उस अंतर की राशि सीधे उनके खाते में भेजेगी।

दरअसल, यदि किसानों को सोयाबीन की कीमत समर्थन मूल्य से कम मिलती है, तो जो भी अंतर की राशि होगी, वह मध्य प्रदेश राज्य सरकार द्वारा किसानों को दी जाएगी।

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