दुधारू पशुपालकों के लिए अच्छी खबर है। अगर पशुओं की मृत्यु किसी कारण से होती है, तो उनके खाते में ₹60,000 आएंगे। आइए जानते हैं यह पशु बीमा योजना कैसे काम करती है।
दुधारू पशुओं के लिए बीमा योजना
दुधारू पशुओं का पालन करके अच्छी आमदनी की जा सकती है, लेकिन यह तभी संभव है जब पशु स्वस्थ हों और कोई जान-माल की हानि न हो। दुधारू पशुओं पर कई तरह के खर्चे आते हैं और यदि इन्हें खरीदना पड़े तो ये महंगे भी पड़ते हैं। ऐसे में उनकी मृत्यु पर पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान हो जाता है। इसी नुकसान से बचाने के लिए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के पशु चिकित्सा निदेशालय द्वारा एक बीमा योजना शुरू की गई है, जिससे पशुपालकों को ₹60,000 तक की आर्थिक मदद मिलती है। आइए जानते हैं कि बीमा कैसे किया जाता है।
दुधारू पशुओं के बीमा प्रीमियम पर सब्सिडी
दुधारू पशुपालकों के लिए यह योजना एक सुरक्षा कवच की तरह काम करती है। बिहार राज्य के सभी पशुपालकों को इस बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है। उनसे अपील की जा रही है कि वे जल्द से जल्द इस योजना से जुड़ें। यदि दुधारू पशु की कीमत ₹60,000 है, तो बीमा प्रीमियम 3.5% यानी ₹2,100 होगा। इसमें 75% सब्सिडी सरकार देगी और केवल 25% राशि पशुपालक को देनी होगी। यानी ₹1,575 सरकार देगी, ₹525 पशुपालक को देने होंगे।
इसके बाद मवेशियों का बीमा हो जाता है। बीमा कंपनी पशुओं का बीमा करती है, उन्हें ईयर टैग लगाया जाता है और एक साल तक यह टैग लगा रहता है। पशुपालक को यह ध्यान रखना होता है कि टैग कहीं गिर न जाए, वरना बीमा दावा करने में समस्या हो सकती है।
किन पशुओं का बीमा नहीं होता है?
अगर पशु स्वस्थ नहीं है, तो उसका बीमा नहीं किया जाता। केवल स्वस्थ पशुओं का ही बीमा होता है। इसके लिए पहले पशुओं की जांच की जाती है और उनका स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनाया जाता है। इसके बाद ही बीमा प्रक्रिया पूरी होती है।

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