धान की फसल के आस-पास भी नहीं भटकेंगे कीट-रोग, घर का बना ये जैविक कीटनाशक फसल में फूंक देगा जान पैदावार होगी दोगुना

On: Wednesday, August 13, 2025 1:00 PM
धान की फसल के आस-पास भी नहीं भटकेंगे कीट-रोग, घर का बना ये जैविक कीटनाशक फसल में फूंक देगा जान पैदावार होगी दोगुना

धान की खेती में जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल न केवल फसल को कीटों और बिमारियों से बचाता है। बल्कि पर्यावरण और सेहत के लिए भी बहुत लाभदायक साबित होता है। तो चलिए जानते है कौन सा कीटनाशक है।

धान की फसल से कोसों दूर रहेंगे कीट-रोग

धान की खेती भारत में बड़े पैमाने पर की जाती है इसकी फसल को कीट रोगों और सड़न से बचाने के लिए कुछ किसान रासायनिक केमिकल वाले कीटनाशक का उपयोग करते है जिससे कीट तो मर जाते है लेकिन जो अनाज होता है उसके पोषक तत्व कम हो जाते है केमिकल दवाओं से तैयार अनाज सेहत के लिए अच्छे नहीं होते है। इसलिए किसानों को जैविक खेती करना चाहिए धान की फसल को कीटों से बचाव के लिए हम आपको एक ऐसे जैविक तरीके से बने कीटनाशक के बारे में बता रहे है जो धान की फसल को कीटों से बचाने के अलावा पैदावार को भी बढ़ाने का भी काम करता है। इसे आप बिना पैसा खर्च किये आसानी से घर में तैयार कर सकते है।

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घर में तैयार होगा जैविक कीटनाशक

जैविक कीटनाशक बनाने के लिए हम आपको नीम के अर्क, लहसुन, गाय का गौ मूत्र और हल्दी से बने ऑर्गेनिक कीटनाशक के बारे में बता रहे है ये धान की फसल के लिए बहुत लाभकारी साबित होता है इसका उपयोग उचित समय और उचित मात्रा में करने से बहुत असरदार और प्रभावी रिजल्ट देखने को मिलता है। ये कीटनाशक पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है। इसमें प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल जैसे कई गुण होते है। जो धान की फसल को सड़न और कई कीटों से बचाते है। जिससे धान का उत्पादन काफी ज्यादा बंपर होता है।

जैविक कीटनाशक का उपयोग

इस जैविक कीटनाशक को तैयार करने के लिए सबसे पहले 1 से 1.5 किलो नीम के पत्तों को पीसकर 8 से 10 लीटर पानी में मिलाकर 12 से 15 घंटे के लिए छोड़ देना है ऐसे ही 250 ग्राम लहसुन को भी पीसकर 5 लीटर पानी में मिलाकर 12 घंटे के लिए छोड़ देना है इसके बाद इन दोनों चीजों को छानकर लिक्विड तैयार करना है फिर इस लिक्विड को 80 से 100 लीटर पानी में मिला लेना है और इसमें ही एक मुट्ठी हल्दी पाउडर और 10 लीटर गौ मूत्र को भी डालना है। फिर इस कीटनाशक का स्प्रे फसल पर कर सकते है ऐसा करने से फसल में लगे कीट रोग मर जायेंगे और फसल का उत्पादन अच्छा होता है।

बरतें ये सावधानियां

  • आपको बता दें इसका उपयोग सुबह या शाम के समय ही करना है दिन में इसका उपयोग नहीं करना है।
  • इस कीटनाशक को बनाने के लिए उचित मात्रा का ध्यान रखें। अधिक मात्रा में अर्क का उपयोग नहीं करना है।
  • आपको बता दें बड़े पैमाने पर उपयोग से पहले फसल के छोटे हिस्से पर टेस्ट स्प्रे करें।
  • इस जैविक कीटनाशक के साथ केमिकल वाले कीटनाशक का उपयोग नहीं करना है।

नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।

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