1 एकड़ से शुद्ध मुनाफा 1 लाख रु कमा सकते हैं किसान, इस मसाले की खेती से चकाचौंध होगी जिंदगी

On: Friday, October 31, 2025 5:00 PM
मसाले की खेती

किसान अगर मसाले की खेती से किस्मत चमकाना चाहते हैं, तो चलिए बताते हैं कि एक एकड़ से कैसे खर्च निकालने के बाद भी लाखों की आमदनी ली जा सकती है।

मसाले की खेती

मसाले की खेती किसानों को ज़्यादा मुनाफा दे सकती है। यहां पर आपको कलौंजी की खेती की जानकारी देने जा रहे हैं। कलौंजी की खेती में किसानों को बहुत ज़्यादा मुनाफा है। कई नए किसान भी अब कलौंजी की खेती से अपनी आमदनी में वृद्धि कर रहे हैं, उन्हें पारंपरिक फसलों की खेती में फायदा नहीं हो रहा है, इसलिए अब वे कलौंजी की खेती करना शुरू कर रहे हैं।

इसीलिए आज आपको भी कलौंजी की खेती की जानकारी दे रहे हैं, क्योंकि कलौंजी की एमपी के कई मंडियों में कीमत 25,000 से लेकर 27,000 रुपए प्रति क्विंटल तक है। किसानों को 1 एकड़ में करीब 5 से 8 क्विंटल तक उत्पादन मिल जाता है। इस हिसाब से कलौंजी की खेती करके किसान एक एकड़ से लाखों रुपए की आमदनी ले सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि इसकी खेती में खर्चा कितना आता है और खेती का तरीका क्या है, ताकि किसानों को उत्पादन अधिक मिले।

खेती का तरीका जानिए

कलौंजी की खेती के तरीके की बात करें, तो किसानों को सबसे पहले खेत की अच्छे से तैयारी करनी होती है। दो-तीन बार जुताई करें, मिट्टी को भुरभुरा बनाना है। इसके बाद बीजों की बुवाई करनी है और फिर सिंचाई स्प्रिंकलर विधि से करनी है, जिससे बीजों का अंकुरण अच्छे से होगा।

बीच-बीच में आपको खरपतवार हाथों की मदद से निकालना है, ताकि मुख्य फसल को नुकसान ना हो। इसके बाद ठंड का भी ध्यान रखना है। ठंड से फसल को बचाने के लिए घुलनशील सल्फर का स्प्रे कर सकते हैं, अगर आपके क्षेत्र में ज़्यादा ठंड पड़ती है तो। इसके अलावा, बुवाई के समय सुपर सल्फेट का इस्तेमाल किसान कर सकते हैं, जिनके क्षेत्र म पाले का प्रकोप ज़्यादा रहता है।

एक एकड़ में कलौंजी की खेती कर रहे हैं, तो 5 से 6 किलो बीज की आवश्यकता पड़ती है। कलौंजी की फसल को तैयार होने में 120 से 160 दिन का समय लगता है। कुछ किस्में ऐसी होती हैं जो 140 दिन के भीतर तैयार हो जाती हैं, जबकि कुछ को थोड़ा ज़्यादा समय लगता है।

खेती में खर्चा कितना आता है

कलौंजी की खेती के खर्चे की बात करें, तो किसानों का कहना है कि इसमें करीब 12 से 15 हज़ार रुपए की लागत आती है। यह इस पर निर्भर करता है कि उनके पास खेती के कितने साधन हैं। अगर किसान के पास सिंचाई की व्यवस्था नहीं है, या खेत तैयारी के लिए कृषि यंत्र नहीं हैं, तो इतना खर्चा आ सकता है।

लेकिन अगर किसानों के पास खेती के आधुनिक यंत्र हैं, तो खेती की लागत कम हो जाती है। जिन किसानों के पास स्प्रिंकलर की सुविधा नहीं है, वे कृषि विभाग से अनुदान पर ले सकते हैं, जिससे लागत में कमी आ जाएगी।

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