मिलिए भारत की सबसे अमीर महिला किसान से, 100 करोड़ रुपये है नेटवर्थ, जानें खर्च कम करने के लिए क्या तरीके अपनाती हैं

On: Thursday, July 31, 2025 5:00 PM
Millionaire Farmer of India

खेती से करोड़ों कमाना चाहते हैं, मिट्टी को सोना बनाना चाहते हैं, तो चलिए आपको बताते हैं देश की सबसे अमीर महिला किसान की सफलता का राज-

भारत की सबसे अमीर महिला किसान

खेती से महिलाएं भी लाखों-करोड़ों रुपए कमा रही है। अगर इस बात पर यकीन नहीं होता तो मिलिए गुजरात की नीतूबेन पटेल से, जो भारत की सबसे अमीर महिला किसान का खिताब जीत चुकी है। 2024 में वह भारत की सबसे अमीर किसान में गिनी जा चुकी है।

जिसमें उन्हें भारत की सबसे अमीर किसान का खिताब भी मिला है। दरअसल, उन्होंने Millionaire Farmer of India (MFOI) का अवार्ड जीत लिया है। जिसमें उनकी खेती के तरीके ने ही उन्हें यह सफलता दिलाई है तो चलिए आपको बताते हैं उन्होंने किस तकनीक का इस्तेमाल करके 100 करोड रुपए की संपत्ति बनाई है। क्योंकि उनकी सालाना नेटवर्क 100 करोड रुपए है।

खर्चा बचाने के लिए अपनाती है यह तरकीब

खेती के खर्चे को घटाने के लिए सरकार किसानों की मदद करती है। जिसमें जैविक खेती भी एक अच्छा तरीका है, किसानों को रासायनिक खाद कीटनाशक इत्यादि से बचाने का। इसमें खर्च भी कम आता है। आपको बता दे कि नीतू बेन अमृत कृषि, जादुई या मैजिकल मिट्टी, मिट्टी संवर्धन जैसी विधियों का इस्तेमाल करती हैं। जिसमें अमृत कृषि में बता दे की प्राकृतिक तरीके से मिट्टी को उपजाऊ बनाया जाता है।

वही जादुई या मैजिकल मिट्टी में मिट्टी संवर्धन विधि इस्तेमाल होती है। जिससे भी जैविक तरीके इस्तेमाल होते है। नीतू जी संजीवनी लाइफ प्राइवेट लिमिटेड की फाउंडर भी है, जो की प्राकृतिक खेती और ग्रामीण विकास पर काम करती है। इस तरह वह देश की महिलाओं और किसानों के लिए प्रेरणा की स्रोत है।

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खेती के साथ पशुपालन भी करती हैं

खेती और पशुपालन आपस में एक तरह से जुड़े हुए हैं। अगर खेती करने वाले पशुपालन भी करते हैं तो वहां से उन्हें खाद और कीटनाशक भी मिल जाएगा। दरअसल गोबर और गोमूत्र से खाद कीटनाशक बना सकते हैं। नीतूबेन पटेल फल, सब्जी, दलहन, तिलहन, फसलों आदि की जैविक खेती करती है। इसके अलावा डेयरी फार्मिंग भी करती है। जिससे हर तरफ से फायदा है।

जिसमें बताया जाता है कि उनकी पशुशाला सुव्यवस्थित और ऑटोनोमस है। जिससे यह काम को आसान बना देते हैं। इससे मजदूरों की लागत नहीं आती है, और काम सही तरीके से समय पर होता है। वह ऑनलाइन भी काम करती हैं। दरअसल वह प्रोडक्ट बनाकर उसे ऑनलाइन बेंच भी देती है। सरसों का तेल, खपली गेहूं, घी इत्यादि चीज ऑनलाइन बेंचती है। वह उत्पाद शुद्ध होने के कारण अच्छी कीमतों पर बिकता है।

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