12 साल में एक बार खिलने वाला भारत का सबसे दुर्लभ फूल, देश-विदेश से आते है लोग देखने, जानिए कौन-सा फूल है

12 साल में एक बार खिलने वाला भारत का सबसे दुर्लभ फूल, देश-विदेश से आते है लोग देखने, जानिए कौन-सा फूल है।

भारत का सबसे दुर्लभ फूल

आज हम आपको भारत के सबसे दुर्लभ फूल के बारे में बताने जा रहे है ये फूल दुर्लभ और बहुत ज्यादा चमत्कारी फूल होता है अगर एक बार मुरझा जाए तो फिर सीधा 12 साल के बाद ही देखने को मिलता है। इस फूल को लोग देश विदेश न जाने कहा-कहा से लोग इसे देखने आते है। ये फूल बहुत सुंदर होता है इस दुर्लभ फूल का सांस्कृतिक और पारिस्थितिक महत्व है। क्योंकि इसका उपयोग स्थानीय जनजातियों द्वारा अपनी आयु की गणना करने और मधुमक्खियों द्वारा एक विशेष शहद बनाने के लिए किया जाता है। हम बात कर रहे है नीलकुरिंजी फूल की जिसे कुरिंजी के नाम से भी जाना जाता है।

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नीलकुरिंजी फूल कहा पाया जाता है

नीलकुरिंजी फूल सबसे प्रसिद्ध फूलों में से एक है। नीलकुरिंजी दुर्लभ चमत्कारी फूल बैंगनी और नीला रंग का होता है और ये फूल केरल में मुन्नार की हरी-भरी पहाड़ियों में पाया जाता है। इसकी खास बात यह है की यह दुर्लभ फूल 12 साल में सिर्फ और सिर्फ एक बार ही खिलता है। नीलकुरिंजी फूल खिलने का सीज़न जुलाई में शुरू होता है और अक्टूबर तक चलता है। इस फूल को पूरी दुनिया भर से लोग देखने आते है।

नीलकुरिंजी फूल के फायदे

नीलकुरिंजी फूल बहुत ज्यादा फायदेमंद फूल होता है नीलकुरिंजी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। नीलकुरिंजी एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होता हैं जो सूजन और प्रतिरोधक तंत्र की समस्याओं को कम करने में मदद करते है। नीलकुरिंजी फूल में फ्लावोनॉयड्स, ऐंथोसियनिन्स और एंटीऑक्सीडेंट के गुण भरपूर मात्रा में मौजूद होते है। ये फूल स्किन हेल्थ के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी होता है। तनाव कम करने के लिए भी बेहद फायदेमंद फूल होता है।

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