पतझड़ के मौसम में तुलसी के पौधे की उचित देखभाल करने से पौधे की पत्तियां पीली नहीं पड़ती है और नई ग्रोथ भी होती है तो चलिए जानते है पौधे की केयर कैसे करना चाहिए।
तुलसी के पत्तों को झड़ने-कीड़े लगने से बचाएं
सितंबर में पतझड़ का मौसम आ जाता है इन दिनों कुछ पौधों की पत्तियां पीली होकर नीचे गिरने लगती है खास कर के तुसली के पौधे की पत्तियां झड़ने लगती है जिससे पौधे में सिर्फ लकड़ी लकड़ी दिखती है इन दिनों तुलसी के पौधे की केयर बहुत अच्छे से करने की आवश्यकता होती है क्योकि पौधे में ओवर वाटरिंग देने पौधे की जड़ों को नुकसान पहुँचता है। और ज्यादा खाद देना भी नुकसानदायक साबित हो सकता है तुलसी का महत्त्व पूजा पाठ में काफी होता है जिससे कुछ लोग तुलसी के पौधे में रोजाना जल चढ़ाते है लेकिन तुलसी के पौधे में ज्यादा पानी नहीं देना चाहिए। पौधे की सेहत पर खराब असर होता है और पौधा मर जाता है। तुलसी के पौधे में मंजरी आती है तो उसे भी तोड़कर हटा देना चाहिए क्योकि पौधा अपनी सारी एनर्जी बीज बनाने में लगा देता है जिससे पौधे की ग्रोथ नहीं हो पाती है।

तुलसी के पौधे में डालें ये खाद
तुलसी के पौधे में रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं करना चाहिए। रासायनिक खाद की जगह पौधे में गोबर, वर्मीकम्पोस्ट, या पत्तियों की कम्पोस्ट खाद को डालना अच्छा होता है इसके साथ पौधे में हल्दी, चाय पत्ती और गुड़ से बनी खाद भी डालना चाहिए। जिससे पौधे को पोषक तत्व प्राप्त होते है और पौधे की पत्तों में कीड़े भी नहीं लगते है। हल्दी में मौजूद एंट्री फंगल, एंटीबैक्टीरियल गुण होते है जो पौधे में कीट-नियंत्रण का काम करते है और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करती है। गोबर या वर्मी-कम्पोस्ट मिट्टी की जल-धारण क्षमता को बढ़ाती है और पौधे में नई पत्तियों की ग्रोथ को बढ़ाती है। चाय पत्ती पौधे की पत्तियों को हरा भरा करती है और गुड़ पौधे के बेहतर विकास को बढ़ाता है।
कैसे करें प्रयोग
तुलसी के पौधे में डालने के लिए पहले मिट्टी को हल्का सूखा करना और मिट्टी की गुड़ाई करना है गुड़ाई करने के बाद मिट्टी में 2 मुट्ठी वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद में 2 चम्मच हल्दी को मिलाकर डालना है। इसके बाद एक गिलास पानी में आधा चमच्च चाय पत्ती का पाउडर और आधा चम्मच गुड़ को घोलकर डालना है। जिससे पौधे को पोषण प्राप्त होगा। आपको बता दें तुलसी के पौधे की मिट्टी न ज्यादा सुखी रखनी है न ज्यादा गीली रखनी है।

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