बिहार, 15 सितंबर 2025 को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का शुभारंभ किया। हमारे भारत का 85% मखाना का उत्पादन बिहार में होता है। यहाँ के मखाना की मांग दूसरे राष्ट्रों में भी रहती है। इस बोर्ड के गठन से बिहार की कृषि व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और किसानों के लिए आमदनी का नया रास्ता खुलेगा।
आइए जानते हैं इस बोर्ड से किसानों को क्या फायदे होंगे
- आधुनिक तकनीक का उपयोग होगा- किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक और उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे उनकी उपज बढ़ेगी और आमदनी दोगुनी होगी।
- उत्पाद का बेहतर मूल्य मिलेगा- जैसा कि हम जानते हैं, बिहार देश का 85% मखाना उत्पादक राज्य है। अच्छी उत्पादन होने के बावजूद उन्हें सही मूल्य नहीं मिलता था, पर अब उन्हें उनके उत्पादन का सही मूल्य मिलेगा।
- किसानों की आमदनी बढ़ेगी – अब मखाना किसानों की आय बढ़ेगी, क्योंकि उत्पादन बढ़ेगा और सही मूल्य मिलेगा। जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।
- रोजगार के नए अवसर खुलेंगे – लगभग 5 लाख परिवारों को मखाना के प्रसंस्करण, पैकेजिंग और बिक्री से नए रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही युवाओं को भी रोजगार मिलेगा।
- मखाना प्रोसेसिंग कंपनियों को लाभ मिलेगा – देश-विदेश में मांग होने के कारण मखाना प्रोसेसिंग कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा।
मखाना बोर्ड बनेगा किसानों की समृद्धि का नया रास्ता
मखाना बोर्ड का शुरुआत होना, बिहार के मखाना किसानों के लिए बहुत बड़ा कदम है। इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा बल्कि पूरे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिलेगी। किसानो के लिए तकनीक, बाज़ार, निवेश और रोजगार की दृष्टि से यह बोर्ड एक वरदान साबित होगा।
प्रधानमंत्री द्वारा इस योजना का शुरुआत किसानों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है और बिहार को मखाना उत्पादन में वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में भी यह मील का पत्थर साबित होगा।
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