सर्दियों में पशुओं में दिखें इन बीमारियों के लक्षण। आइए जाने कैसे करें इससे बचाव। सर्दियों का सीजन शुरू हो चुका है ऐसे में पशुओं पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है वरना इनमें कई तरह की बीमारियां फैलने लगती है पशुओं के बीमार होने पर उनके दूध देने की क्षमता पर भी बहुत बड़ा असर पड़ता है जिसके कारण आपको सर्दियों के मौसम में पशुओं पर खास ध्यान देना होता है। आईए जानते हैं पशुओं का ध्यान कैसे रखना है।
पशुओं का ऐसे रखे सर्दियों में ध्यान
1. सर्दियों के मौसम में पर्वतीय इलाकों में तापमान लगातार गिरता जाता है। फ़िलहाल उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में लगभग न्यूनतम तापमान 8 से 9 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 25 से 26 डिग्री सेल्सियस तक का रिकॉर्ड किया गया है। इन सर्दियों का असर पशुओं पर पड़ता है।
2. पहाड़ी इलाकों में तापमान गिरने की वजह से पशुओं को सर्दी जुकाम, बुखार और सांस संबंधित बीमारियों का सामना करना पड़ता है। वही भेड़ बकरियों में सर्दी के समय सांस संबंधित बीमारी उत्पन्न हो जाती है।
यह भी पढ़े: बाजार में धड़ल्ले से बिकने वाली इस अनोखी सब्जी में है कई जादुई गुण, कमाई में भी नंबर वन
3. ऐसे में पशुओं को सर्दी से बचाने के लिए आपको बाड़े और गौशाला को अच्छे तरीके से ढकने की व्यवस्था करनी होगी जिसके साथ ही सर्दियों में पशुओं को पानी हल्का सा गर्म करके पिलाना चाहिए साथ में अगर इनको नहलाते हैं तो आपको अपनी को गर्म करके ही पशुओं को नहलाना है।
4. पशुओं के रखने की व्यवस्था जहां पर की गई है मतलब गौशाला को आपको साफ सुथरा रखना है और फर्श को सूखा हुआ रखना है ठंड से पशुओं को बचाने के लिए आपको पशु का बिछावन थोड़ा मोटा रखना चाहिए खिड़कियों पर बोरी व टाट पर ध्यान दें।
5. सर्दियों के मौसम में आपको पशुओं के चारे में दाने की मात्रा को बढ़ाना चाहिए जिससे कि उनको भरपेट खाना मिल सके पशुओं को ऐसा आहार उपलब्ध करवाना चाहिए जिसमें ऊर्जा, प्रोटीन, खनिज तत्व, पानी, विटामिन व वसा आदि पोषक तत्व शामिल हो। साथ ही पशुओं को हरे चारे में बरसीम जरूर खिलाएं।
6. सर्दियों के मौसम में सिर्फ हरे चारे से पशुओं को अपच जैसी दिक्कत होने लगती है तो आपको ऐसे में हरे चारे के साथ में सूखा चारा मिला करके पशुओं को खिलाना चाहिए। इसके साथ ही आपको पशुओं को डाइट में अनाज के तौर पर गेहूं का दलिया, खल, चना, ग्वार, बिनोला, झींगोरे का भात आदि खिलाना चाहिए।
7. पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान गिरने के बाद आपको पशुओं के रखरखाव में इस तरह का ध्यान देना होगा तभी पशुओं को कई दिक्कतों से छुटकारा मिलेगा।
यह भी पढ़े: बैंगन की फसल उगाने के लिए अपनाएं यह अनोखा तरीका, बंपर उत्पादन के साथ मिलेगा खूब पैसा