किसान नीलगाय और जंगली जानवरों से परेशान हो गए है तो खेत के किनारे ये औषधीय पौधा जरूर लगाएं तो चलिए जानते है कौन सा पौधा है।
खेत के किनारे लगाएं ये औषधीय पौधा
अक्सर जंगली जानवर खेत में घुस जाते है और किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाते है जिससे किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बता रहे है जो नीलगाय को भगाने के अलावा कमाई के लिए भी बहुत जबरदस्त साबित होता है। इस पौधे की मांग बाजार में खूब होती है क्योकि इसकी जड़ों का इस्तेमाल औषधीय दवा को बनाने में किया जाता है और इसकी सब्जी बाजार में बहुत डिमांडिंग होती है। तो चलिए जानते है कौन सा पौधा है।

शतावरी का पौधा
खेत किनारे लगाने के लिए हम आपको शतावरी के पौधे के बारे में बता रहे है शतावरी की फसल को नीलगाय का खतरा नहीं होता है इसलिए खेत के किनारे शतावरी के पौधे लगाए जा सकते है जिससे नीलगाय समेत कई जानवर खेत के अंदर नहीं घुसते है। साथ ही शतावरी से किसान अच्छी जबरदस्त कमाई भी कर सकते है क्योकि शतावरी की डिमांड बाजार में बहुत होती है ये बाजार में मांगी भी बिकती है। शतावरी से कई महंगे-महंगे प्रोडक्ट तैयार किये जाते है जो मार्केट में खूब बिकते है।
शतावरी की कीमत
शतावरी खेती से बहुत जबरदस्त कमाई होती है क्योकि इसकी डिमांड बाजार में खूब होती है बाजार में शतावरी की जड़ 250 से 300 रूपए प्रति किलो की दर से बिकती है। शतावरी के पौधों को अप्रैल में लगाया जा सकता है। इसकी जड़ों का इस्तेमाल चूर्ण पाउडर और औषधीय दवा को बनाने में किया जाता है। शतावरी के पौधों को जंगली जानवरों का खतरा नहीं होता है इसलिए खेत के किनारे शतावरी के पौधे जरूर लगाने चाहिए।