पशुपालकों के लिए पशु आधार योजना बेहद लाभकारी साबित हो रही है। जिसके कई फायदे हैं और इससे जुड़ने की प्रक्रिया भी आसान है।
पशु आधार योजना के क्या फायदे हैं?
पशुपालन में कमाई अच्छी होती है, लेकिन इसके साथ कई चुनौतियाँ भी आती हैं। पशु यदि स्वस्थ रहेंगे तभी अच्छा दूध उत्पादन मिल पाएगा और पशुपालन लाभदायक बनेगा। लेकिन पशुओं को स्वस्थ रखना अपने-आप में एक बड़ी चुनौती है। यदि आप पशुपालन से जुड़ी पूरी जानकारी सही तरीके से रखना चाहते हैं, तो पशु आधार योजना आपकी मदद करेगी। इस योजना से पशुओं की देखभाल आसान हो जाती है।
पशु का टीकाकरण कब करवाना है, इसकी पूरी जानकारी मिलती है। पशु का आधार बनने पर उसकी नस्ल, उम्र, दूध उत्पादन, जन्म रिकॉर्ड और टीकाकरण का पूरा इतिहास एक ही जगह उपलब्ध हो जाता है। जिस तरह मनुष्य का आधार कार्ड बनता है, उसी तरह पशुओं का भी आधार तैयार किया जा रहा है, जिसमें उनकी जानकारी डिजिटल रूप से दर्ज होती है।
इस योजना से जुड़ने पर पशु को 12 अंकों की एक यूनिक आईडी मिलती है, जिसमें पशु से संबंधित सभी विवरण दर्ज रहते हैं। जब भी पशु की सेहत बिगड़ती है, उसकी हेल्थ हिस्ट्री तुरंत देखकर इलाज समय पर शुरू किया जा सकता है। यदि कोई पशु गुम हो जाए, तो आधार के कारण उसकी पहचान करना आसान होता है। पशु तस्करी या गलत रिकॉर्ड के कारण होने वाले नुकसान अब काफी हद तक रुक जाएंगे।
सरकारी योजनाओं की जानकारी भी सीधे आपके मोबाइल पर आने लगेगी। आधार में मालिक का मोबाइल नंबर जुड़ा होने के कारण योजनाओं का लाभ सीधे बैंक खाते में मिलेगा, जिससे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है।

पशु आधार कैसे बनेगा?
- पशु आधार यानी पशुओं का डिजिटल आधार कार्ड। इसे बनवाने के लिए आपको आवेदन करना होगा।
- INAPH की वेबसाइट पर जाकर पंजीयन करें।
- अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें, सत्यापन कोड भरें और फिर रजिस्ट्रेशन पूरा करें।
- अपना नया खाता मोबाइल नंबर की मदद से बनाया जा सकता है।
- चाहे तो INAPH का ऐप डाउनलोड करके भी पंजीयन किया जा सकता है।
- पंजीकरण के बाद पशु की जानकारी दर्ज करनी होती है।
- इसके बाद पशु को एक यूनिक UID नंबर मिलता है, जिससे उसकी पहचान तय होती है।
- इस UID में पशु से जुड़े सभी विवरण दर्ज रहते हैं जैसे टीकाकरण, गर्भाधान, इलाज, दूध उत्पादन आदि।
यह योजना डेयरी कंपनियों और बड़े पैमाने पर पशुपालन करने वालों के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। हर पशु का डिजिटल रिकॉर्ड होने से पशुपालन अधिक व्यवस्थित और तकनीकी रूप से सशक्त बनता है। सरकार का उद्देश्य इस योजना के माध्यम से डेयरी सेक्टर को आधुनिक तकनीक से जोड़ना और सुविधाओं को गाँव-स्तर तक पहुँचाना है।

नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको ‘काम की खबर’ दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद













