गेहूं-चना और सरसों की बुवाई से पहले करें यह एक काम, 40% तक बढ़ेगी पैदावार, सभी किसान हो जाएंगे हैरान

On: Saturday, October 25, 2025 12:59 PM
गेहूं-चना और सरसों के बीज का उपचार कैसे करें

गेहूं-चना और सरसों की पैदावार बढ़ाने के लिए आपको बुवाई से पहले यह जरूरी काम करना होगा, जिससे पैदावार 40% तक बढ़ सकती है।

गेहूं-चना और सरसों की खेती

रबी सीजन में कई किसान गेहूं, चना और सरसों जैसी फसलें लगाते हैं। इसमें उन्हें अच्छा मुनाफा होता है। इन फसलों की खेती के बारे में किसानों को जानकारी तो है, लेकिन समय के साथ-साथ फसलों में कई तरह के रोग भी देखने को मिल रहे हैं। इनसे बचने के लिए किसानों को बीज का उपचार करना चाहिए। सीड ट्रीटमेंट बहुत जरूरी है। इससे मिट्टी में जो भी रोग, फफूंद या अन्य हानिकारक तत्व होते हैं, उनका बीज पर असर नहीं होता।

आप जैविक तरीके से भी बीज का ट्रीटमेंट कर सकते हैं। इससे मिट्टी के हानिकारक जीवाणु और कीटों से फसल सुरक्षित रहती है। उत्पादन को 15 से लेकर 40% तक बढ़ाया जा सकता है। तो आइए जानते हैं गेहूं, चना और सरसों के बीजों का उपचार कैसे करें और किन चीज़ों का इस्तेमाल करें।

गेहूं-चना और सरसों के बीज का उपचार कैसे करें

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानें गेहूं-चना और सरसों के बीज का उपचार कैसे करें-

  • गेहूं- गेहूं की बुवाई से पहले बीज का उपचार करें। जिसमें बीज को फफूंदनाशक दवा थायरम 2 ग्राम या कार्बेन्डाजिम 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचार कर सकते है। अगर बीज का उपचार हो जाता है तो टील्ट स्मट और लूज स्मट जैसे रोगों से फसल बची रहती है, खर्चा घटता है।

  • चना- चना के बीजों को उपचार करने से रूट रॉट और कॉलर रॉट से फसल बची रहती है। जिसके लिए किसान भाई कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम प्रति किलो बीज का इस्तेमाल करें या फिर राइजोबियम कल्चर (20 ग्राम प्रति किलो बीज ) से उपचार कर सकते है। यह भी असरदार है।
  • सरसों- सरसो के बीजों का उपचार करने के लिए थायरम 3 ग्राम या मैनकोजेब 3 ग्राम प्रति किलो बीज का इस्तेमाल करे। इससे मिट्टीजन्य रोगों से फसल सुरक्षित रहेगी।

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