गाय-भैंस को नहीं लगेगी ठंडी, यह देसी जुगाड़ अपनाएं और दूध उत्पादन बचाएं

On: Saturday, December 13, 2025 1:24 PM
गाय-भैंस को ठंड से कैसे बचाएं

सर्दी बढ़ने से गाय-भैंस का दूध कम हो सकता है, जिससे पशुपालकों को नुकसान हो सकता है। तो आइए जानते हैं कि सर्दियों में गाय-भैंस को ठंड से कैसे बचाएं।

ठंड लगने से गाय-भैंस का दूध कम हो सकता है

इस समय कई जगह बहुत ज्यादा ठंड पड़ रही है, जिससे न केवल मनुष्यों को बल्कि पशुओं को भी नुकसान हो सकता है। जो लोग पशुपालन करते हैं और दूध उत्पादन करते हैं, उनके लिए यह एक बड़ी चुनौती है। क्योंकि अगर पशु बीमार हो जाएंगे, तो दूध उत्पादन घट सकता है और पशुपालकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

सर्दी लगने से गाय-भैंस धीरे-धीरे खाना कम कर देते हैं, बीमार हो जाते हैं और कई तरह की सर्दी से जुड़ी समस्याएं देखने को मिलती हैं। इसलिए आइए जानते हैं कि पशुओं को ठंड से कैसे बचाया जाए, वह भी बिना ज्यादा खर्च के।

गाय-भैंस को ठंड से कैसे बचाएं

गाय-भैंस को ठंड से बचाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले उन्हें रात के समय बंद जगह पर रखें। अगर खिड़की खुली हो तो उसे ढक दें और यदि दरवाजा खुला रहता है, तो वहां पर कोई पर्दा या बोरी लगा दें, ताकि ठंडी हवा उनके रहने की जगह में न जाए। दिन के समय पशुओं को कुछ देर धूप में जरूर रखें। पानी का भी विशेष ध्यान रखें। सर्दियों में पानी हल्का गुनगुना करके पिलाना उनके लिए फायदेमंद होता है।

पशुओं के आहार में भी बदलाव किया जा सकता है। अगर आप उन्हें केवल चारा देते हैं, तो उसमें थोड़ा-बहुत मिनरल मिक्सचर, दाना, दलहन का चूरा आदि मिला सकते हैं। इससे उनके शरीर में गर्माहट बनी रहेगी और उन्हें पूरा पोषण मिलेगा। सही मात्रा में पोषक आहार मिलने से ठंड से लड़ने की उनकी क्षमता भी बढ़ेगी।

अगर आपके क्षेत्र में बहुत ज्यादा ठंड पड़ती है, तो रात के समय पशुओं के लिए घर पर ही गर्म स्वेटर जैसा कवर बना सकते हैं। इसके लिए पुराने कपड़े, बोरी, कंबल आदि इकट्ठा करके जोड़ लें, एक कवर बना लें। इस कपडे में सिर डालने के लिए गोल अकार में छेंद बनाकर और पेट के पास रस्सी से बांधा जा सकता है। इससे किसी तरह का अतिरिक्त खर्च भी नहीं आएगा।

इसके अलावा रात में पशुओं के बैठने के लिए सूखी पराली या भूसा बिछा दें, ताकि उन्हें ठंडी जमीन पर न बैठना पड़े और सूखी जगह मिले। सर्दियों में साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए, ताकि नमी और गंदगी से पशु बीमार न हों।

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