गाय-भैंस-मुर्गी के लिए यह मक्के का चारा है वरदान, दूध उत्पादन बढ़ाएगा, पाचन शक्ति होगी मजबूत, जानिए मक्के का हरा चारा कैसे बनाएं

On: Tuesday, October 21, 2025 9:00 AM
मक्का का हरा चारा कैसे बनाएं

पशुपालक अगर हरे चारे और पोषण आहार के लिए परेशान हैं, तो चलिए बताते हैं मक्का से हरा चारा कैसे बनाएं और पशुओं को कैसे दें।

गाय-भैंस-मुर्गी के लिए यह मक्के का चारा है फायदेमंद

गाय, भैंस, मुर्गी जैसे पशुओं के पशुपालकों के लिए मक्के का हरा चारा बहुत ही ज्यादा मददगार होता है। मकई के अंकुरित चारे को इन्हें देने से दूध उत्पादन में वृद्धि होती है, पशुओं की वृद्धि होती है, उनके विकास में सुधार होता है, पाचन शक्ति उनकी बढ़ती है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जैसे कि प्रोटीन की मात्रा बढ़िया होती है, फाइबर कम होता है।

पारंपरिक चारे की तुलना में यह ज्यादा लाभकारी होता है। गाय और भैंस को यह देने से दूध की मात्रा अधिक होती है, पाचन शक्ति उनकी मजबूत होती है। आहार दक्षता में सुधार इससे ला सकते हैं। यह ऊर्जा का अच्छा स्रोत है, लेकिन बहुत ज्यादा मात्रा में नहीं देना है। इसके साथ-साथ सूखा चारा भी दे सकते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं मक्के से हरा चारा कैसे बनाया जाता है और इसका इस्तेमाल कैसे करते हैं।

मक्का का हरा चारा कैसे बनाएं

  • मक्का का हरा चारा बनाने के लिए उसे अंकुरित करना होगा। इसके लिए पहले आपको सूखे मक्के को गर्म पानी में भिगोना है थोड़ी देर के लिए। जब वह फूल जाए, तो फिर उसे निकाल लेना है।
  • इसके बाद जूट की भीगी हुई बोरी बिछाएं, उस पर दाने बिछाएं और उसके ऊपर फिर से जूट की बोरी ढक दें। इसे भीगा कर रखें, जिससे दाने अंकुरित हो जाएं। इसे एक से दो दिन तक रखेंगे, तो वह अंकुरित हो जाएगा।
  • इसके बाद आप प्लास्टिक की ट्रे ले सकते हैं और उनमें इन दानों को फैला सकते हैं।
  • फिर इन ट्रे को स्टैंड पर रख सकते हैं।
  • जो लोग मक्के से हरा चारा बनाते हैं, वे स्टैंड बना कर रखते हैं और उसमें ट्रे को रखते हैं। फिर फॉगर का सिस्टम लगा देते हैं, जिससे पानी फिल्टर होकर फॉगर में जाकर सभी स्टैंड में एक बराबर मात्रा में पानी जाता रहता है।
  • इस तरीके से 8 दिन में हरा चारा तैयार हो जाता है।
  • इसे इस्तेमाल करने के लिए पहले इसे सुखाया जाता है। इसके बाद जब चापकटर की मदद से इसे टुकड़ों में काटा जाता है, फिर पशुओं को दिया जाता है।

लेकिन ध्यान रखें अधिक मात्रा में नहीं दें। इससे मोटापा होता है, और पाचन में समस्या आ सकती है। इसे सूखे चारे के साथ में मिश्रण बनाकर देने से फायदा होगा।

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