15 नवंबर से पहले इस तरीके से छत पर लगाएं ये 2 वैरायटी के लहसुन, पैसा बचाएं और स्वाद बढ़ाएं, जानिए कैसे

On: Thursday, November 6, 2025 9:00 AM
घर पर लहसुन कैसे लगाएं

अगर बागवानी का शौक है, तो चलिए बताते हैं कि घर पर कैसे लहसुन गमले में लगाया जा सकता है। इससे लहसुन का स्वाद भी अच्छा आएगा और बाजार से खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

लहसुन लगाने का समय

घर पर लहसुन लगाना चाहते हैं, तो इसके लिए सबसे बढ़िया समय 15 अक्टूबर से लेकर 15 नवंबर तक का होता है। इस समय अगर लगाएंगे, तो लहसुन से अच्छा उत्पादन मिल सकता है। लेकिन यहां पर आपको लगाने का तरीका और कुछ अच्छी वैरायटी भी बताएंगे। इनमें से दो वैरायटी के बारे में खास तौर पर बताएंगे जिन्हें घर पर लगा सकते हैं।

घर पर लगे लहसुन से यह फायदा होता है कि उसका स्वाद अच्छा होता है। इसे जैविक तरीके से पूरी तरह उगा सकते हैं, और लहसुन सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है। इसलिए घर पर उगाई गई लहसुन बाजार से खरीदी लहसुन की तुलना में ज्यादा अच्छी रहती है। साथ ही बाजार से खरीदने का खर्चा भी बच जाएगा।

घर पर लहसुन कैसे लगाएं

घर पर लहसुन लगाने के लिए सबसे पहले मिट्टी तैयार कर लीजिए। एक चौड़े गमले का इस्तेमाल कर सकते हैं, या फिर घर पर अगर कोई पुराना कैरेट वगैरह रखा है, तो उसमें मिट्टी भरकर लगा सकते हैं। मिट्टी के लिए आप भुरभुरी मिट्टी लें। अगर मिट्टी पुरानी है, तो पहले उसकी अच्छे से गुड़ाई कर लें और एक-दो दिन धूप में रख दें। फिर उसमें 2 साल पुरानी गोबर की खाद मिला लें।

इसके बाद लहसुन की कलियों को अलग-अलग कर लीजिए। फिर इन कलियों को मिट्टी में दबाना है। इसके लिए आप दो वैरायटी ले सकते हैं लाल पहाड़ी लहसुन, और यमुना सफेद वैरायटी लहसुन।

यमुना सफेद वैरायटी सफेद रंग की और बड़े आकार की होती है, जबकि लाल पहाड़ी वैरायटी हल्के गुलाबी रंग की होती है। इसका स्वाद अच्छा होता है और ठंडे वातावरण में भी अच्छा उत्पादन देती है। सर्दियों के लिए यह वैरायटी बढ़िया मानी जाती है।

घर पर लगाने के लिए आप आधा-आधा हिस्सा दोनों वैरायटी में बांट सकते हैं। लगाने के लिए पहले मिट्टी को समतल कर दीजिए, फिर किसी टूल की मदद से चार-चार इंच की दूरी पर लाइन बनाइए और उन्हीं लाइनों में कलियां लगाइए।

इसके बाद पानी देना है। पानी में आप ट्राइकोडर्मा मिलाकर दे सकते हैं, जिससे कई तरह के फायदे होते हैं। रोपाई के 25–30 दिन बाद पहली गुड़ाई करें, फिर 45–50 दिन बाद दूसरी गुड़ाई करें ताकि जड़ों तक हवा का संचार ठीक से हो।

साथ ही जल निकासी का ध्यान रखें अतिरिक्त पानी गमले से बाहर निकल जाए। गमले की गहराई 6 से 8 इंच होना अच्छा रहेगा। अगर गमले की मिट्टी सख्त हो रही है, तो उसमें 20% नदी की रेत मिला लें, इससे मिट्टी हल्की और उपजाऊ बनेगी, और सबसे जरूरी बात गमले को धूप वाली जगह पर रखें। तभी लहसुन की पैदावार अच्छी होगी।

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