MP से बड़ी खबर आ रही है, जहां किसानों को 90% अनुदान पर मुर्रा भैंस दी गई है। मुर्रा भैंस दूध देने में अव्वल मानी जाती है। आइए जानते हैं योजना क्या है और लाभार्थी कौन हैं।
मुर्रा भैंस पर सब्सिडी किस योजना से मिलती है?
दुधारू पशुओं का पालन करना चाहते हैं तो मुर्रा नस्ल की भैंस सबसे अधिक दूध देने वाली मानी जाती है। लेकिन यह काफी महंगी मिलती है, इसलिए सरकार किसानों और पशुपालकों को आर्थिक सहायता देती है। इस सहायता के तहत वे मुर्रा भैंस बहुत कम कीमत पर खरीद सकते हैं।
मध्य प्रदेश में मुर्रा भैंस 90% अनुदान पर 17 हितग्राहियों को दी गई है। इस योजना का नाम मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना है। इसके तहत उमरिया जिले में 17 बैगा हितग्राहियों को मुर्रा भैंस प्रदान की गई है। सरकार का उद्देश्य है कि बैगा, भारिया, सहारिया जैसी पिछड़ी जनजातियों के लोग मुर्रा भैंस का पालन कर आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।
मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना
इस योजना के तहत 90% अनुदान पर मुर्रा भैंस का वितरण किया गया है। लाभार्थी को केवल 10% अंशदान देना पड़ा। इसके अलावा भैंस का 1 साल का बीमा भी कराया गया है। बीमा अवधि के भीतर अगर कोई दुर्घटना होती है तो लाभार्थी को नुकसान का मुआवजा मिलेगा। साथ ही सरकार द्वारा 4.50 क्विंटल दाना भी दिया गया है, जिससे भैंस जब तक दूध न दे, तब तक उसका पालन कम खर्च में हो सके और वह स्वस्थ बनी रहे।

मुर्रा भैंस पर सब्सिडी कैसे मिलती है?
मुर्रा भैंस पर सब्सिडी लेने के लिए पिछड़ी जनजाति के हितग्राहियों ने मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना के तहत संबंधित कार्यालय में आवेदन किया था। आवेदन स्वीकृत होने के बाद उन्हें अनुदान का लाभ मिला। लाभार्थियों ने बताया कि मुर्रा भैंस ज्यादा दूध देती है, इसलिए इसका पालन करके वे दूध की बिक्री से अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करेंगे। उन्होंने बताया कि उन्होंने केवल 10% अंशदान जमा किया और उसके बाद उन्हें दुधारू मुर्रा भैंस उपलब्ध कराई गई।

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