किसान अपनी फसल को कीड़ों से बचाने के लिए कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं, जिससे खर्च भी बढ़ता है और कभी-कभी कीटनाशक का असर भी नहीं होता। तो चलिए आपको बताते हैं, कीटनाशक से होने वाले नुकसान के बारे में।
कीटनाशक की ज़रूरत और उसके नुकसान क्या हैं
किसान बड़ी मेहनत से खेती करते हैं, लेकिन जब उस पर कीट-शत्रु हमला बोल देते हैं, तो पूरी फसल खराब हो जाती है। इसलिए किसान कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन कीटनाशक से भी कभी-कभी किसानों को फायदा नहीं होता, बल्कि नुकसान हो जाता है। जैसे कि शत्रु कीट खत्म नहीं होते और कीटनाशक का खर्चा अलग से बढ़ जाता है। किसी तरह का समाधान नहीं मिलता।
इसका कारण यह बताया जाता है कि जब किसान कीटनाशक का छिड़काव करते हैं, तो फसल के ऊपर और पत्तियों पर जो मित्र कीट होते हैं, वो खत्म हो जाते हैं। वहीं जो शत्रु कीट पत्तियों के नीचे या मिट्टी में छिपे रहते हैं, वो बच जाते हैं। फिर वही फसलों को खाना शुरू कर देते हैं। तो इस तरह से किसानों को कीटनाशक छिड़कने का फायदा कभी-कभी नहीं मिलता।
रासायनिक कीटनाशक के छिड़काव से फसल भी सेहत के लिए फायदेमंद नहीं रह जाती, बल्कि नुकसानदायक हो जाती है। इससे पर्यावरण में भी प्रदूषण फैलता है। तो आइए जानते हैं, किसान किस तरह से कीट-शत्रुओं से छुटकारा पाएं और मित्र कीट व शत्रु कीट का संतुलन बनाएं।
जैविक तरीके से कीटों का खत्म कैसे करें
किसान शत्रु कीटों से छुटकारा पाने के लिए जैविक तरीकों के साथ-साथ यांत्रिक और व्यवहारिक तरीका भी अपना सकते हैं। इसमें किसान नीम तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं, फसल चक्र अपना सकते हैं, गहरी जुताई करके कीटों के अंडों को ही खत्म कर सकते हैं और ट्रैप्स (जाल) का इस्तेमाल कर सकते हैं।
जैसे कि फ्रूट फ्लाई ट्रैप, जो एक सस्ता और कमाल का जुगाड़ है। फेरोमोन, फनल ट्रैप भी एक अच्छा उपाय है, जिसका किसान इस्तेमाल कर सकते हैं। किसानों को खेत में मित्र कीट और शत्रु कीट का अनुपात 2:1 रखना चाहिए। जब तक यह संतुलन बना रहे, तब तक कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके लिए किसानों को नियमित जांच करवानी पड़ती है। चलिए जानते हैं कि कीटनाशक के बारे में किसानों को कहां से मदद मिल सकती है।

किसानों को कीटों से छुटकारा दिलाने के लिए प्रशिक्षण
किसानों को यह जानकारी दी जाती है कि कीटनाशक का इस्तेमाल कब करना चाहिए, कीट नियंत्रण के लिए क्या उपाय अपनाने चाहिए, और किस समय कौन-सी फसल पर क्या छिड़काव करना ठीक रहेगा। इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है। इसमें एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM) का मूल सिद्धांत यही है कि रासायनिक कीटनाशक का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए और इसे आखिरी विकल्प के रूप में अपनाना चाहिए। किसान अपने नज़दीकी IPM सेंटर में जाकर यह जानकारी ले सकते हैं।
इसके अलावा, कीटों की पहचान और उनके नियंत्रण के लिए सरकारी NPSS App का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां से भी किसानों को अच्छी मदद मिलती है।
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