माइक्रोग्रीन्स की खेती, एक ऐसी खेती जो कम लागत में दे बंपर मुनाफा  

On: Monday, November 17, 2025 9:26 PM
माइक्रोग्रीन्स की खेती

माइक्रोग्रीन्स की खेती एक ऐसी खेती है जो आजकल लोग, जो किसान हैं या कोई साधारण इंसान, वो भी इस खेती को करना चाहता है वजह है कम लागत, ज्यादा मुनाफा और स्वास्थ्य लाभ।आइए जानते इस खेती के विषय में पूरी जानकारी। 

माइक्रोग्रीन्स क्या होते हैं ?

माइक्रोग्रीन्स वे छोटे पौधे होते हैं जिन्हें बीज को अंकुरित होने के लगभग 7 से 14 दिनों के अंदर ही काटकर इस्तेमाल किया जाता हैं । ये पौधे होते तो बहुत छोटे हैं पर बड़े पौधे की तुलना में अधिक स्वाद और पोषक तत्व से भरपूर होते हैं, यही वजह है कि इसकी डिमांड मार्केट में बढ़ती जा रही है। 

विदेशों में तो इसका इस्तेमाल 35 से 40 वर्षों से किया जा रहा है पर भारत में ये एक दशक से लोगों के जीवन में शामिल हुई है। ये सुपरफूड कहलाती है क्योंकि इसमें पाए जाते हैं –

विटामिन A,C,E,K,कैल्शियम,आयरन,मैग्नीशियम,पोटैशियम,जिंक,प्रोटीन,एंटीऑक्सीडेंट्स,फाइटोन्यूट्रिएंट्स इतने सारे पोषक तत्व जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं। इसी वजह से मार्केट में इसकी मांग बहुत है। 

माइक्रोग्रीन्स की खेती कैसे करें ?

माइक्रोग्रीन्स की खेती के लिए मिट्टी की आवश्यकता ज्यादा नहीं होती है। कुछ माइक्रोग्रीन्स को मिट्टी के बिना पानी में अच्छे से उग जाते हैं। माइक्रोग्रीन्स की खेती छतों,बालकनी और कमरों में भी की जा सकती है। इसके लिए 3 से 4 घंटे की धूप काफी होती है पर उन्हें तेज धूप से बचाना पड़ता है। आइए जानते है खेती करते समय ध्यान देने वाली बातें-

  • माइक्रोग्रीन्स की खेती के लिए ट्रे या गमला तैयार करें जिसमें नारियल का बुरादा,बायो कंपोस्ट या हल्की मिट्टी डालनी होती हैं और ट्रे में निकास के लिए छेद होनी चाहिए। 
  • मिट्टी में किसी तरह की केमिकल न डालें। 
  • बीजों की चुनाओं बड़ी सावधानी से करें क्योंकि बीज केमिकल वाली नहीं होनी चाहिए। 
  • बीजों को हल्का पानी छिड़ककर मिट्टी की सतह पर फैलाएं और बोने के बाद आवश्यकता के अनुसार ही पानी दें। 
  • बोने के लिए बीज में आप सरसों, मूंग, चना, ब्रोकली, धनिया, मेथी, सूरजमुखी, पालक, तुलसी आदि के बीज चुन सकते हैं।  
  • 7 से 14 दिन में पौधे 2 से 3 इंच लंबे हो जाते हैं जो कि काटने लायक हो जाते हैं।
  • कटाई के समय यह ध्यान दे कि कैंची और हाथ साफ हों और पौधों को मिट्टी की रेखा से ठीक ऊपर से काटें। 
  • काटने के बाद ठंडे पानी से हलके हाथ से धो लें। 
  • पैकजिंग से पहले उन्हें थोड़ा सूखा लें। 
  • माइक्रोग्रीन्स को साफ और हवाबंद डिब्बे में रखकर रेफ्रिजरेटर में 4°C  तक रख सकते हैं। 
  • इसे 5 से 7 दिनों के अंदर इस्तेमाल कर लेना चाहिए वर्ना पोषक तत्व कम हो जाते हैं।  

माइक्रोग्रीन्स से कितनी आमदनी हो सकती है ?

माइक्रोग्रीन्स में लागत कम आती है लेकिन मुनाफा लागत से काफी ज्यादा होता है।  एक ट्रे जो की (1×2 फीट) की होती है, उसको तैयार करने में लगभग 50 से 60 रुपए का खर्च आता है। एक ट्रे से लगभग 300 से 400 ग्राम माइक्रोग्रीन्स निकलते हैं, जिसकी कीमत मार्केट में 500 से 1000 रुपये प्रति किलो तक होती है जो कि शहर के हिसाब से रेट लगते हैं। अगर मुनाफे की बात करें तो प्रति ट्रे लगभग 150 से 200 का मुनाफा हो जाता है। जितनी ट्रे उतना मुनाफा अगर 100 ट्रे लगाया तो 60 हज़ार तक की आमदनी पक्की होती है। 

मार्केट में माइक्रोग्रीन्स की मांग बढ़ती जा रही है रेस्टुरेंट हो या होटल या फिर कोई न्यूट्रिशनिस्ट हर कोई इसकी खोज में रहता है पर उत्पादन अभी भी कम ही हो रहा है, जिसके कारण इसकी सप्लाई पूरी नहीं हो पाती है। यही वजह है कि इसकी खेती सभी के लिए एक बढ़िया और बंपर कमाई वाली खेती साबित हो गई है। 

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