यदि सरसों की खेती से अधिक उत्पादन लेना चाहते हैं और पैदावार से दूसरों को चौंकाना चाहते हैं, तो चलिए बताते हैं सरसों की खेती का सही तरीका।
अगेती सरसों की खेती
अगेती सरसों की खेती करके आप पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। सरसों के बीजों की गुणवत्ता बेहतर होगी, उनमें तेल की मात्रा अधिक होगी, जिससे बाज़ार में अच्छी कीमत मिलेगी।
इस लेख में हम जानेंगे कि सरसों की अगेती खेती कब करें, क्योंकि अगेती खेती करने से फसल को पाला से बचाया जा सकता है और मारगोजा नामक खरपतवार से भी फसल सुरक्षित रहती है, जो कि खतरनाक होता है। तो आइए जानते हैं सरसों की बुवाई का सही समय, बुवाई से पहले खेत में कौन-सी खाद डालें, जिससे फसल को पूरा पोषण मिल सके।
सरसों की अगेती खेती का समय
अगर आप सरसों की अगेती खेती करना चाहते हैं, तो सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर की शुरुआत मानी जाती है।
पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान के किसान 5 अक्टूबर से 10 अक्टूबर के बीच, या फिर 15 अक्टूबर तक सरसों की बुवाई कर सकते हैं।
उत्तर भारत के किसान 20 अक्टूबर तक सरसों की खेती कर सकते हैं।
जिन क्षेत्रों में सितंबर के अंतिम सप्ताह में तापमान 29 से 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और धीरे-धीरे कम होने लगता है, वहां उसके बाद सरसों की बुवाई करना फायदेमंद होता है।
हालांकि, सरसों की बुवाई 10 नवंबर तक की जा सकती है, लेकिन अधिक लाभ तभी मिलता है जब बुवाई अक्टूबर के पहले सप्ताह में कर दी जाए। ऐसा करने से फसल “पाल” से बच जाती है, क्योंकि जब तक पाल गिरता है, तब तक फसल मजबूत हो चुकी होती है।
सरसों की बुवाई से पहले डालें यह खाद
सरसों की फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए सही मात्रा में खाद देना बेहद जरूरी है। इनमें सल्फर सबसे जरूरी पोषक तत्व होता है, क्योंकि इससे तेल की मात्रा बढ़ती है और फसल फफूंद व बीमारियों से भी सुरक्षित रहती है। ध्यान रखें-
- अगर आप डीएपी डाल रहे हैं, तो उसमें अलग से 5 से 7 किलो सल्फर जरूर डालें।
- अगर आप एसएसपी खाद डालते हैं, तो उसमें 2 से 3 किलो सल्फर अलग से डालना चाहिए।
- यदि आप टीसीए खाद का उपयोग कर रहे हैं, तो उसमें भी सल्फर की पूरक मात्रा डालना आवश्यक है।
- इसके अलावा लगभग 30 किलो यूरिया खाद डालें।
- एनपीके 05:20:34 खाद का भी उपयोग कर सकते हैं।
ये सभी खादें बुवाई से पहले खेत की तैयारी के समय डालनी चाहिए।
खेत की तैयारी करते समय मिट्टी को पलटने वाले हल का प्रयोग करें। मिट्टी को भुरभुरा बनाएं ताकि खाद अच्छे से मिल जाए और फसल को पूरा पोषण मिल सके। इसके बाद मिट्टी को कुछ समय सूखने दें और फिर बुवाई करें।
सरसों की अगेती बुवाई, सही समय पर खाद प्रबंधन और खेत की अच्छी तैयारी से आप अपनी पैदावार को 3 से 4 गुना तक बढ़ा सकते हैं। यह तरीका अपनाकर आप अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं।

नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको ‘काम की खबर’ दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद