सर्दी आते ही पशुओं को खिलाएं यह चारा और दें यह पौष्टिक आहार, दूध तेजी से बढ़ेगा, पशु नहीं होंगे बीमार

On: Thursday, October 30, 2025 12:38 PM
सर्दियों में पशुओं को क्या खिलाएं

सर्दी में अगर पशुओं को बीमार होने से बचाना चाहते हैं या दूध का उत्पादन घटने से रोकना चाहते हैं, तो चलिए बताते हैं कि पशु विशेषज्ञ किसानों और पशुपालकों को क्या राय दे रहे हैं।

सर्दी में पशुओं की देखभाल कैसे करें

  • सर्दी हो या गर्मी या बरसात किसी भी मौसम के अनुसार पशुपालकों को अपने पशुओं का ध्यान रखना पड़ता है। नहीं तो वे बीमार हो जाते हैं या दूध उत्पादन में कमी देखने को मिलती है। अब सर्दियां शुरू होने जा रही हैं, तो ऐसे में पशुपालकों को कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
  • जैसे कि जब तापमान कम होने लगे, तो उन्हें खुले में नहीं बांधना चाहिए। इसके अलावा, रात के समय पर उन्हें बंद जगह में रखना चाहिए तथा सुबह की धूप में बाहर निकालना चाहिए।
  • सुबह की धूप उनके लिए विटामिन डी का काम करेगी और उन्हें अंदर से गर्म रखेगी। इसके अलावा, सर्दियों में पशुओं को हल्का गुनगुना पानी देना चाहिए, जिससे उनकी पाचन क्रिया अच्छी रहती है। ठंडे पानी से पाचन सही नहीं होता और बीमार पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
  • पशुओं के लिए बिछावन का इस्तेमाल ज़रूर करना चाहिए। किसान पराली का उपयोग पशुओं के बिछावन के लिए कर सकते हैं, और जब वह गीला हो जाए तो उसे बदल देना चाहिए।
  • पशुओं को नहलाने के लिए दोपहर का समय चुनें, जब तेज धूप रहती है। साथ ही, उनके पौष्टिक आहार, हरे चारे और सूखे चारे का भी ध्यान रखें। तो चलिए जानते हैं कि सर्दियों में पशुओं को क्या खिलाना चाहिए।

सर्दियों में पशुओं को क्या खिलाएं

सर्दियों में दूध उत्पादन कम न हो, इसके लिए पशुपालकों को पशुओं के चारे और दाने का खास ध्यान रखना चाहिए। सर्दी में सरसों के पत्ते, हरा चारा, जई आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।उनकी ऊर्जा बढ़ाने के लिए मकई के दाने, खली, गुड़ आदि का उपयोग करें। पशुओं को विटामिन और मिनरल मिक्सचर दीजिए, जिससे उनकी इम्यूनिटी मजबूत रहे।

पशुओं को गेहूं की दलिया, चना, सरसों या मूंगफली की खली, बिनोला खली आदि का इस्तेमाल करके अनाज आधारित मिश्रण दिया जा सकता है। नेपियर की घास, बरसीम या लोबिया की घास भी चारे के तौर पर अच्छी रहती है। अगर सर्दियों में हरे चारे की कमी हो, तो बची हुई खाली पड़ी जमीन में चारे की खेती कर सकते हैं, जो एक बार लगाने के बाद कई सालों तक चलती है। हरे चारे के साथ-साथ सूखे चारे की मात्रा का भी ध्यान रखें।

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