गुलदाउदी के फूल पसंद है? तो चलिए इसके बारे में पूरी जानकारी लेते हैं जिसमें गुलदाउदी की कटिंग कब लगाई जाती है, इसके खिलने का समय, इसकी खेती और होने वाली कमाई के बारे में भी जानेंगे-
गुलदाउदी का फूल
गुलदाउदी का फूल बहुत सुंदर होता है और यह कई रंगों में मिलता है। बता दें कि गुलदाउदी सफेद, गुलाबी, बैंगनी, नारंगी और पीले रंगों में खिलती है। यह बेहद आकर्षक फूल है। देखने में सुंदर होने के साथ-साथ इसमें औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। कहा जाता है कि अगर घर में गुलदाउदी लगाया जाए तो सकारात्मक ऊर्जा आती है। गुलदाउदी कटिंग के द्वारा आसानी से लगाया जा सकता है और इसे ज्यादा देखभाल की भी जरूरत नहीं होती। घर को सजाने के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है। बड़े पैमाने पर इसकी खेती करना चाहें तो यह लाभदायक भी है, क्योंकि इससे अच्छी आमदनी होती है। तो चलिए, इस लेख में इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
भारत में गुलदाउदी के फूल कब खिलते हैं
भारत में गुलदाउदी के फूल खिलने का समय उसकी किस्म पर निर्भर करता है। कुछ किस्में अगस्त से सितंबर तक खिलती हैं, वहीं कुछ किस्में अक्टूबर से जनवरी के बीच खिलती हैं। गुलदाउदी शरद ऋतु में खिलने वाला सुंदर फूल है। इसकी 150 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। गुलदाउदी को ‘जाड़े की रानी’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह सर्दियों में अधिक खिलता है। जिससे ठंड में घर की सुंदरता बढ़ाता है।
गुलदाउदी की कटिंग कब लगाई जाती है
गुलदाउदी लगाने के लिए सही समय जून से लेकर अगस्त के अंतिम सप्ताह तक का होता है। यानी बरसात में इसकी कटिंग आसानी से लग जाती है। इसके लिए तेज और धारदार चाकू से 4 से 7 सेंटीमीटर लंबी मजबूत टहनी काटें। मिट्टी को अच्छी तरह तैयार करें और पानी की निकासी का ध्यान रखें। गमले में लगाते समय ध्यान रखें कि पानी जमा न हो। शुरुआती दिनों में इसे धूप से बचाकर रखें और जैसे ही पत्तियां निकलने लगें, धीरे-धीरे धूप वाली जगह पर रख सकते हैं।

गुलदाउदी के बीज
अगर आप गुलदाउदी को बीजों से लगाना चाहते हैं तो इसके बीज ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं। अमेज़न पर मिश्रित रंगों वाले बीज के पैकेट मिल जाते हैं। बरसात के मौसम में इन्हें आसानी से मिट्टी में बिखरे कर लगाया जा सकता है। इसे लगाने के बाद करीब 3 से 3.5 महीने में फूल खिलने लगते हैं। जिसमें पौधे को फूलों की अवस्था में सहारा की जरूरत होती है। जिसके लिए बांस के दांव लगाएं। जिससे सहारा मिले और पौधा गिरे नही।
गुलदाउदी फूलों का इस्तेमाल
गुलदाउदी फूलों का इस्तेमाल लोग घर और बगीचे की सजावट के लिए करते हैं। गुलदस्ता बनाने और प्रदर्शनियों में भी इसकी काफी मांग रहती है। औषधीय रूप से भी गुलदाउदी का महत्व है। चीन में गुलदाउदी की खेती बड़े पैमाने पर होती है और वहां पारंपरिक चिकित्सा में इसका उपयोग सर्दी, बुखार, आंखों के दर्द, त्वचा रोग और गले की खराश जैसी समस्याओं में किया जाता है।
गुलदाउदी की खेती में कमाई
गुलदाउदी एक सुंदर फूल है और बाजार में इसकी बिक्री बहुत अच्छी होती है। इसकी कीमत भी अधिक मिलती है। अगर किसान एक एकड़ में गुलदाउदी की खेती करें तो 10 से 20 लाख रुपए तक की कमाई हो सकती है। लेकिन इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है —
- मिट्टी का pH मान 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए।
- ज्यादा गर्मी में फूल छोटे हो सकते हैं।
- खेती के लिए 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान वाला क्षेत्र चुनें।
- समय पर सिंचाई करे और खाद डालें।
- गोबर की खाद इसके लिए सबसे अच्छी होती है।
- सूखे फूलों को समय-समय पर तोड़ते रहें, जिससे नए और ज्यादा फूल आये।
अगर पहली बार खेती कर रहे हैं तो शुरुआत एक बीघा से करें। इससे भी लाखों का मुनाफा हो सकता है। मंडी में इसकी अच्छी कीमत मिलती है, लेकिन खेती से पहले मांग और रेट जरूर पता करें।
गुलदाउदी की खेती में खर्च
गुलदाउदी की खेती में खर्च खेती के तरीके पर निर्भर करता है। अगर पॉलीहाउस में खेती की जाए तो खर्च अधिक होता है, सामान्य तरीके से करने पर खर्च कम आता है। पॉलीहाउस बनाने में 10 से 12 लाख रुपए तक का खर्च आता है। गुलदाउदी की खेती में पौधों की खरीद, मल्चिंग, सिंचाई और मजदूरी पर भी खर्च होता है।
किसानों को सलाह है कि अपने क्षेत्र के कृषि विभाग से संपर्क करें, क्योंकि कई राज्यों में फूलों की खेती पर सब्सिडी दी जाती है। पॉलीहाउस, मल्चिंग और सिंचाई आदि पर भी सब्सिडी उपलब्ध है, जिससे किसानों का खर्च कम हो जाता है। यह किसानों का हक है, जिसे उन्हें जरूर लेना चाहिए।