इस लेख में गुलाब की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है जिससे किसान अधिक उत्पादन लेकर तगड़ी कमाई कर सकते है तो चलिए जानें गुलाब की खेती कैसे करें-
गुलाब की खेती कैसे करें
गुलाब एक सदाबहार फूल है, जिसकी डिमांड पूरे साल बाजार में रहती है। गुलाब का फूल उसकी सुंदरता और खुशबू के लिए जाना जाता है और इसका उपयोग सिर्फ पूजा ही नहीं बल्कि विभिन्न अवसरों जैसे शादी, उत्सव पर भी किया जाता है। आज के समय में किसान फसलों के अलावा फूलों की खेती पर भी जोर दे रहे हैं। क्योंकि यह कमाई करने का एक अच्छा जरिया बन चुका है।
अगर आप भी गुलाब की खेती कर अच्छी आमदनी बनाना चाहते हैं, लेकिन गुलाब की खेती की जानकारी नहीं है तो चिंता मत कीजिए। आज इस लेख के माध्यम से हम बताएंगे आपको गुलाब की खेती से जुड़ी सारी जानकारी जैसे खेती का समय, उत्तम किस्में, उर्वरक प्रबंधन, कीटों और रोगों का नियंत्रण आदि। जिसकी मदद से आप भी आसानी से गुलाब की खेती कर सकते हैं :
गुलाब की खेती कहां होती है?
भारत में गुलाब की खेती मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में की जाती है। इन राज्यों में अलग-अलग जगहों पर गुलाब की खेती मिट्टी और जलवायु की स्थिति के हिसाब से बड़े पैमाने पर की जाती है।
गुलाब किस महीने में लगाया जाता है?
वैसे तो गुलाब की खेती किसी भी मौसम में की जा सकती है, लेकिन इसकी खेती मुख्यतः सर्दियों के मौसम में करना सही माना जाता है। इसकी खेती के लिए 15-20 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान बहुत ही उपयुक्त होता है। चूंकि, गुलाब के लिए ठंडी जलवायु उपयुक्त होती है। इसलिए गुलाब के पौधों की रोपाई का सही समय अक्टूबर से दिसंबर के बीच होता है, आप इन तीन महीनों में कभी भी गुलाब के पौधों की रोपाई कर सकते हैं। अत्यधिक गर्मी के समय इसकी खेती करने से बचें क्योंकि अत्यधिक गर्मी गुलाब के पौधों के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
गुलाब की खेती के लिए कौन-सी मिट्टी है सही?
गुलाब की खेती के लिए बलुई और दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। जिस मिट्टी में पानी जमा ना हो, मिट्टी का पीएच 6-6.8 के बीच हो, और पर्याप्त आर्गेनिक कंटेंट हो वह गुलाब के पौधों के लिए आदर्श मिट्टी होती है। गुलाब के लिए खेत की तैयारी में:
- – सबसे पहले खेत की गहरी जुताई करें, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो सके।
- – खेत में जितने भी पुराने पौधे और खरपतवार हों, उन्हें नष्ट कर दें।
- – मिट्टी में पर्याप्त नमी बनाये रखने के लिए अच्छी तरह सिंचाई करें।
- – ध्यान रखें कि मिट्टी में पानी जमा ना हो पाए।

गुलाब की अच्छी किस्में
- 1. डेस्को (Desco): यह एक उन्नत किस्म है जिसे सुंदर और लंबे फूलों के लिए जाना जाता है। इसकी पंखुड़ियाँ अक्सर लाल और गुलाबी रंग की होती हैं।
- 2. ग्रैंडिफ्लोरा (Grandiflora): इस किस्म के गुलाब बड़े और गहरे रंग के होते हैं। यह किस्म विशेष रूप से बगीचों में शोभा बढ़ाने के लिए उपयुक्त है।
- 3. टी हाइब्रिड (Tea Hybrid): यह किस्म बहुत लोकप्रिय है और इसका फूल चिकना और बड़े आकार का होता है। यह आमतौर पर लाल, गुलाबी, और सफेद रंगों में पाया जाता है।
- 4. फ्लोरिबंडा (Floribunda): इस किस्म के गुलाब के पौधे बड़े समूहों में फूलते हैं और विभिन्न रंगों में आते हैं। ये किस्म बगीचों और पुष्पवाटिकाओं के लिए आदर्श है।
- 5. डैमास्क (Damask): यह किस्म अपनी सुगंध और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। इसके गुलाब आमतौर पर हल्के गुलाबी या सफेद रंग के होते हैं।
- 6. हाइब्रिड चाय (Hybrid Tea): यह किस्म बहुत ही सुंदर और एकल फूलों के लिए जानी जाती है। इनका आकार बड़ा और रंग विविध होता है।
- 7. Boursault: यह किस्म ऊपर बढ़ने वाली झाड़ियों जैसी होती हैं। इस किस्म के फूल जामुनी लाल रंग के होते हैं।
- 8. Centifolia: इसको cabbage rose के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसके फूल पूरे और गोलाकार होते है। इस किस्म के फूल सफेद से गुलाबी रंग के होते हैं।
- 9. मुजनी (Muzn): यह किस्म गर्म जलवायु में उगाई जाने वाली किस्म है और इसके फूल लम्बे समय तक ताज़े रहते हैं।
- 10. मिनी गुलाब (Miniature): आप नाम से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि इस किस्म के गुलाब आकार में छोटे होते हैं और इन्हे गमलों या छोटे बगीचों में आसानी से उगाया जा सकता है। यह विभिन्न रंगों में उपलब्ध होते हैं और बहुत सुन्दर दिखते हैं।
एक एकड़ में कितने पौधे लगाने चाहिए?
गुलाब की खेती के लिए प्रति एकड़ लगभग 500 से 600 पौधों की संख्या पर्याप्त है, जो किस्म और खेत की स्थिति पर निर्भर करती है। पौधों की रोपाई करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि रोपाई 1*1 मीटर की दूरी पर करें, इससे पौधों को पनपने में आसानी होती है। इसके अलावा गुलाब के पौधों को खास रख-रखाव और देख रेख की आवश्यकता होती है।
गुलाब के पौधों में कितने दिनों में पानी देना चाहिए?
अगर गुलाब में सिंचाई की बात करें, तो गुलाब के पौधों को संतुलित मात्रा में ही पानी की जरुरत होती है। ऐसे में गुलाब के पौधों को हर दिन पानी देने की आवश्यकता नहीं होती है। ज्यादा पानी डालने से पत्तों का पीला होना, चित्तीदार पत्तियां और कीड़े लगना जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं इसलिए सप्ताह में बस एक से दो बार ही पौधे को पानी दें और यदि मौसम गर्म है तो 3 से 4 बार सिंचाई करें। पानी फूल-पत्तियों के बजाये मिट्टी में डालें, ताकि पानी जड़ो तक पहुंच सके। सिंचाई करते वक्त इस बात का खास ध्यान रखें कि मिट्टी में पानी जमा ना हो पाए, नहीं तो पौधों में कीड़े लग सकते हैं।
गुलाब के पेड़ में क्या खाद डालना चाहिए?
अपने सर्वश्रेष्ठ उत्पादन के लिए, गुलाब को पूरे बढ़ते मौसम में पौषक तत्वों की निरंतर जरुरत होती है इसलिए समय-समय पर खाद डालना जरुरी होता है। नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम, इन तीनों की पर्याप्त मात्रा गुलाब के उत्पादन को बढ़ाने में सहायता करेगी। सबसे पहले खेत की तैयारी के समय 2 टन रूड़ी की खाद और 2 किलो सुपर फास्फेट को मिट्टी में डालें। तीन महीने के फासले पर 10 किलो रूड़ी की खाद और 8 ग्राम नाइट्रोजन, 8 ग्राम फासफोरस और 16 ग्राम पोटाश प्रति पौधे में डालें।
छंटाई के बाद ही सारी खादों को डालें। छंटाई से एक महीने बाद, जी ए 3@ 200 पी पी एम(2 ग्राम प्रति लीटर) की स्प्रे करें| पौधे की तनाव सहन शक्ति को बढ़ाने के लिए घुलनशील जड़ उत्तेजक(रैली गोल्ड/रिजोम) 100 ग्राम+ टिपोल 60 मि.ली. को 100 लीटर पानी में डालकर प्रति एकड़ में शाम के समय सिंचाई करें।
पौधे के तनों की सहन शक्ति को बढ़ाने के लिए घुलनशील जड़ उत्तेजक(रैली गोल्ड/रिजोम) 100 ग्राम+ टिपोल 60 मि.ली. को 100 लीटर पानी में डालकर प्रति एकड़ में शाम के समय सिंचाई करें। इसके अलावा आप वर्मीकम्पोस्ट, गाय का गोबर, केले के छिलके, चायपत्ती, कॉफ़ी पाउडर और नीम खली जैसे खादों का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही अगर आप नए रोपे गए गुलाब के पौधों में हर 3 से 4 सप्ताह में मछली के इमल्शन जैसे हल्के उर्वरक से खाद डालते हैं, तो यह पौधों के लिए बहुत ही उपयोगी होगा।
गुलाब की कटाई और उत्पादन
गुलाब के फूलों की तुड़ाई कई बार की जा सकती है, और आप इसकी शुरुआत रोपाई के 12-15 हफ़्तों बाद कर सकते हैं। हालांकि, गुलाब की फसल से दूसरे वर्ष से बढ़िया किफायती पैदावार ली जा सकती है। गुलाब की तुड़ाई फूलों का रंग पूरी तरह से विकसित होने पर और एक-दो पंखुड़ियां खुलने पर तेज छुरी की मदद से करना चाहिए। एक एकड़ खेत से आप 40 से 50 हज़ार गुलाब के फूलों का उत्पादन आसानी से सकते हैं।
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