पारंपरिक फसलों को छोड़कर गुजरात के किसान प्रवीण पटेल अब कर रहे हैं सहजन की खेती, सालाना कमा रहे 20 लाख रूपए  

On: Saturday, October 18, 2025 3:00 PM
MORINGA FARMER SUCCESS STORY

आज हम बात करेंगे गुजरात के रहने वाले किसान प्रवीण पटेल की। उन्होंने पारंपरिक फसलों को छोड़कर सहजन की खेती कर रहे हैं और सालाना 20 लाख रुपये तक कमा रहे हैं।  

कौन हैं प्रवीण पटेल ?

प्रवीण पटेल गुजरात के खेड़ा जिले के रहने वाले हैं। वे अपने 10.7 हेक्टेयर जमीन में पारंपरिक फसलें जैसे अरंडी, कपास और चना की खेती कर रहे थे। जिससे उन्हें आमदनी तो होती थी, पर ज्यादा पैसे नहीं बचते थे। जिसके वजह से उन्होंने सोचा कि वो अब कुछ नई फसल चुनेंगे जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो। उन्होंने देखा कि सहजन की खेती में अच्छा मुनाफा हो सकता है। जिसके बारे में उन्होंने पता लगाना शुरू किया। 

ICAR के निरीक्षण से मिली हौसला

उन्होंने मार्केट की रिसर्च कि तो देखा कि सहजन की डिमांड मार्केट में बहुत है क्योंकि ये स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। जिसके लिए उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वासद स्थित मृदा एवं जल संरक्षण अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों को संपर्क किया और उनके  मार्गदर्शन में उन्होंने सहजन की खेती की शुरुआत की। 

उन्होंने वहां की ट्रेनिंग में हिस्सा लिया जहां उन्हें सहजन की खेती के बारे में हर एक तकनीक सिखाई गई। बीज उत्पादन से लेकर फसल की कटाई तक उन्हें सिखाया गया। उनके खेत का निरीक्षण किया गया जिसमें उन्हें मिट्टी को उपजाऊ कैसे बनाएं, कीटों से कैसे बचाए इन सब चीजों की सलाह दी गई। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपने सहजन की खेती की शुरुआत की। 

हर एक साल वे सहजन के नए पौधे अपने खेत में लगाते रहे जिससे उन्हें अपने खेत से 100 टन तक की फसल मिलने लगी। इन फसलों को वो दूसरे शहरो में भी बेचने लगे। उनकी फसल अहमदाबाद,चेन्नई,मुंबई और भी बाकी शहरों में जाने लगी। जिससे उनकी आमदनी हर एक साल बढ़ती चली गई । 

सालाना टर्नओवर 20 लाख तक है 

सहजन की फली तो काम की होती ही है, साथ ही इसके बीज और पत्तियों की भी डिमांड मार्केट में बहुत रहती है क्योंकि ये डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होती है। इसके और भी बहुत से स्वास्थ्य लाभ हैं। 

प्रवीण जी फली के साथ बीज और पत्तियां भी बेचते हैं। इसकी पत्तियों और बीजों से बहुत कुछ बनता है। बीज 2000 रुपये किलो बिकते हैं। अपने खेत पर 15 से ज्यादा  किसानों को रोजगार दे रहे है और अभी तक उन्होंने अपने प्रशिक्षण से जो सीखा वह दूसरे किसानों को भी सिखा रहे हैं। अभी तक वह 150 किसानों को ट्रेनिंग दे चुके हैं। उनके खेत से उन्हें 20 लाख तक की आमदनी हो रही है।

अपने साथ दूसरों को रोजगार और ट्रेनिंग देकर वे दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा बन गए है। उनका मानना है कि सही फसल का चुनाव और सही मार्गदर्शन खेती को एक नई ऊंचाई दे सकती है, बस जरूरत है खुद पर विश्वास रखने की।

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