दुधारू पशुओं का दूध और पक्षियों का अंडा-मांस 15% बढ़ा देगा यह हरा चारा, पानी में उगाए कमाई दोगुना बढ़ाएं

अगर आप एक पशुपालक है तो चलिए इस लेख में आपको एक ऐसे हरे चारे की जानकारी देंगे जिसे खिलाने से दुधारू पशुओं का दूध और पक्षियों का मांस के साथ अंडा देने की क्षमता 15% तक बढ़ सकती है-

पशुओं के लिए हरा-चारा

हरा चारा पशु की सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है। दुधारू पशुओं से हमेशा एक समान मात्रा में दूध लेने तथा दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए हरे चारे की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ती है। लेकिन सभी तरह के हरे चारे से उतना फायदा नहीं मिलता जितना की अजोला खिलाने से होता है।

जी हां हम अजोला की बात कर रहे हैं जो की पानी में उगाया जाता है। इसे जलीय पौधा भी कहते हैं। अजोला पशुओं की सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा फायदामंद होता है। चलिए आपको इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व बताते हैं। साथ ही यह भी जानते हैं कि अजोला कैसे खेत में उगाया जाता है। इससे कितनी मात्रा में पशुओं को देना चाहिए।

अजोला चारा

अजोला एक हरा चारा है, जिससे जलीय फर्न या जलीय पौधा भी कहा जाता है। पशुओं को यह चारा खिलाने से बहुत ज्यादा फायदा होगा। दूध की मात्रा बढ़ जाएगी और अगर अपने पक्षियों का पालन किया है, तो उनका वजन भी तेजी से बढ़ेगा। क्योंकि अजोला चारा में कैल्शियम, प्रोटीन, कॉपर, विटामिन, अमीनो एसिड, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम जैसे विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिससे यह पशुओं की सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद हो जाता है। भारत में अजोला की पिनाटा प्रजाति लगाई जाती है, जो पशुओं को सेहतमंद बनता है।

कितनी मात्रा में दे अजोला चारा

पशुओं को चारा देने की भी एक मात्रा होती है। जिसमें अजोला चारा दे रहे हैं तो दुधारू पशुओं को यह 1 दिन में दो या ढाई किलो देना चाहिए। अगर मुर्गी है तो उसे 10 या 20 ग्राम 1 दिन में देना चाहिए और भेड़ बकरियों को 100-200 ग्राम अजोला चारा दे सकते हैं। इससे 15% तक दूध अंडा आदि का उत्पादन बढ़ता है। जिससे आमदनी भी बढ़ जाती है, और पशु जल्दी बीमार या कमजोर नहीं होते हैं। जिससे अन्य लागत भी कम हो जाती है।

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अजोला चारा कैसे उगाए

  • अजोला चारा पानी में उगने वाला चारा है। जिसे अपने खेत में उगाने के लिए पहले कच्ची क्यारी बनानी है। फिर उसे पॉलिथीन सीट से ढका जाता है।
  • एक क्यारी में 10 किलो मिट्टी छानकर डालना है, और 2 किलो उसमें गोबर की जैविक खाद देनी है।
  • इसके बाद पानी भरना है।
  • अजोला चारा अगर आप बढ़िया मात्रा में रोजाना दो चार किलो लेना चाहते हैं तो इसके लिए पोषण भी देना होगा।
  • जिसमें 30 दिन के अंतराल में 5 किलो गोबर का घोल और 20 ग्राम सुपर फास्फेट खेत में डालें। इससे भी उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।
  • क्यारियों में पानी की मात्रा बनाए रखें। ताकि फसल अच्छी हो।
  • अजोला चारा की खेती जहां पर की जाती है, वहां पर शेड लगाया जाता है। क्योंकि सूर्य की सीधी रोशनी इसके लिए नुकसानदायक होती है। चारा सूख सकता है तो इन चीजों का ध्यान रखें।
  • आसानी से अजोला की खेती किसान कर सकते हैं, अजोला की खेती किसान तालाब में भी कर लेते हैं।
  • यह छोटे बारीक पौधे होते हैं।
  • अजोला की खेती धान की फसल को हरी खाद देने के लिए भी किया जाता है।
  • अजोला अगर तलाब में लगा रहे हैं तो कम से कम 5 इंच तक पानी उसमें भरा होना चाहिए।
  • अजोला की खेती के लिए 20 से 35 डिग्री सेल्सियस का तापमान अच्छा माना जाता है।
  • अजोला गाय भैंस को खिलाने से दूध भी गाढ़ा होता है।
  • इस चारे के बीज ऑनलाइन मंगा सकते है।

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