मध्य प्रदेश के वह किसान जो तुवर दाल की खेती करते हैं उनके लिए मध्य प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव ने कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए है चलिए जानते हैं पूरी खबर-
कैबिनेट बैठक के निर्णय
18 मार्च 2025 को मध्य प्रदेश की कैबिनेट बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा किसानों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जिसमें तुवर दाल यानी की अरहर की खेती करने वाले किसानों के लिए भी सरकार ने बड़े ऐलान किये हैं। दरअसल, किसानों को बढ़िया न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाएगा तो चलिए आपको बताते हैं सरकार ने किसानों के लिए क्या निर्णय लिया है।
तुअर दाल की MSP ₹7550
तुअर दाल की डिमांड साल भर बनी रहती है। जिससे इसकी कीमत भी किसानों को बढ़िया मिलती है। इसी लिए सरकार भी किसानों को इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। जिसमें खरीफ वर्ष 2024 में तुअर की खेती करने वाले करीब 43 जिलों के पंजीकृत किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹7550 पर म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा उपार्जन करने का निर्णय लिया गया है। जिससे किसानों को फायदा होगा।
खरीदी का लक्ष्य
इसके आलावा सरकार ने खरीदी का लक्ष्य भी तय किया है। जिसमें तुअर उपार्जन कार्य के लिए राज्य सहकारी विपणन संघ भोपाल को उपार्जन एजेंसी के रूप में अधिकृत किया गया है। यहाँ पर ये भी बताया गया है कि 1 लाख 27 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य तय हुआ है। जिससे अधिक किसान जुड़ पाएंगे।

तुअर दाल की खेती
तुवर दाल की अच्छी कीमत सरकार दे रही है तो अगर किसान तुवर दाल की खेती के लिए इच्छुक हैं तो आपको बता दे की मध्य प्रदेश में जून से जुलाई के बीच तुवर दाल की खेती की जाती है। जिसमें मुख्य तौर पर जून के मध्य या जुलाई की शुरुआत में मानसून की बारिश शुरू होती है तब अरहर की खेती करते हैं। अरहर की खेती के लिए मटियार दोमट या रेतीली दोमट मिट्टी बढ़िया होती है। अरहर की खेती के लिए 18 से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान बेहतर माना जाता है। अरहर की खेती से अच्छा उत्पादन लेने के लिए खेत तैयारी के समय जिप्सम डाल सकते हैं।