इस लेख में आपको एक ऐसे व्यवसाय के बारे में जानकारी दी जा रही है जिसके लिए सरकार जमीन खरीदने पर दे रही है 80 करोड़ का अनुदान-
इस विकास नीति से सभी को होगा फायदा
बड़े पैमाने पर व्यवसाय करने के लिए सरकार की ओर से करोड़ों रुपए भी दिए जाते हैं, जिसमें आज जिस व्यवसाय की बात हो रही है, उसमें निवेश के लिए जमीन, बिजली के साथ-साथ स्टांप ड्यूटी पर भी सब्सिडी मिल रही है। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चमड़ा उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश फुटवियर, लेदर और नॉन लेदर सेक्टर को बढ़ावा दिया जा रहा है।
क्योंकि निति 2025 तैयार की गई है, जिसमें लेदर इंडस्ट्रियल पार्क के लिए निवेश के लिए बिजली आदि के साथ जमीन पर भी सब्सिडी दी जा रही है, जिससे स्थानीय पशुपालकों और युवाओं को भी रोजगार मिलेगा।

जमीन के लिए 25 से 80% सब्सिडी
चमड़ा उद्योग में निवेश करने वालो को जमीन के लिए 25 से 80% सब्सिडी दी जा रही है, जिसमें शर्त यह है कि अगर कोई निजी औद्योगिक पार्क खुलता है तो पूंजी निवेश करने वाले को 25 से 100 एकड़ जमीन के लिए 25% तक की सब्सिडी मिलेगी, यानी अधिकतम 45 करोड़ रुपये की पूंजी राशि दी जाएगी।
इसके अलावा अगर पार्क का क्षेत्रफल 100 एकड़ से ज्यादा है तो 80 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। इसके बारे में हम आपको पहले भी बता चुके हैं। यहां बिजली के साथ-साथ स्टांप ड्यूटी पर भी सब्सिडी मिलेगी, तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
बिजली और स्टाम्प ड्यूटी पर सब्सिडी
उत्तर प्रदेश में चमड़ा उद्योग से लोगों को और अधिक लाभ मिलने वाला है। जैसा कि आप जानते हैं कि चमड़ा उत्पाद निर्यात में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 46% है। इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने इस क्षेत्र में और अधिक काम करने के बारे में सोचा है, जिसमें स्थानीय लोगों के कौशल का विकास किया जाएगा ताकि उन्हें चमड़ा उद्योग में काम करने का ज्ञान हो, वे अच्छा काम कर सकें और अच्छी आय अर्जित कर सकें।
यहां निवेशकों को बिजली पर छूट दी जा रही है और स्टाम्प ड्यूटी पर 100% छूट दी जा रही है। बिजली की बात करें तो अगर कोई 1000 लोग, यूनिट में, लेदर पार्क में काम करते हैं तो 1000 लोगों को रोजगार मिलता है, तो ऐसी स्थिति में बिजली दर पर ₹2 प्रति यूनिट की छूट मिलेगी। इस तरह आप देख सकते हैं कि सरकार चमड़ा उद्योग को कितनी आर्थिक मदद कर रही है। सरकार उत्तर प्रदेश को लेदर हब बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
इस सब से चर्म उद्दोग से जुड़े पशुपालको को फायदा होगा और स्थानीय युवाओं को बेरोजगारी से मुक्ति मिलेगी।