खेती में नई क्रांति की मिसाल गाजियाबाद की नीलम त्यागी को मिला बोरलॉग इनोवेटिव फ़ार्मर अवॉर्ड 2025

On: Friday, September 19, 2025 12:31 PM
नीलम त्यागी

आज हम बात करेंगे ग़ाज़ियाबाद के एक छोटे से गाँव की रहने वाली नीलम त्यागी जी की जिन्हें खेती में 16 सितम्बर 2025 को डॉ. नॉर्मन ई. बोरलॉग इनोवेटिव फ़ार्मर अवॉर्ड 2025 से सम्मानित किया गया है। 

नीलम त्यागी का खेती से सफ़लता तक का सफ़र

नीलम त्यागी गाजियाबाद के एक छोटे से गाँव सुहाना की रहने वाली हैं। उन्हें हमेशा से खेती में कुछ नया करने की इक्छा थी। वह पारंपरिक खेती से कुछ अलग करना चाहती थीं। उनके मन में खेती को लेकर बहुत नए विचार आया करते थे। तो फिर क्या था, उन्होंने अपने विचारों को खेती में लगाना शुरू कर दिया। जिसके बाद उन्होंने गन्ना और हल्दी को मिलाकर खेती का नया मॉडल बनाया। इससे ये फ़ायदा हुआ की किसानों की आमदनी 80% तक बढ़ गई और खेती में प्रयोग होने वाले कीटनाशकों का इस्तेमाल घटा और मिट्टी का कटाव भी कम होने लगा।  इसके बाद उन्होंने नितारा ब्रांड के नाम से प्रोसेसिंग यूनिट बनाई। इस ब्रांड से 4,000 से अधिक किसानों को सीधे बाज़ार से जोड़ा गया, जिससे किसानों को 20-25% तक ज़्यादा मुनाफ़ा होना शुरू हो गया है।

किसानों की कर रही सहायता

उन्होंने महिलाओं के लिए 300 स्वयं सहायता समूह और KOPUS AGRO किसान उत्पादक संगठन बनाया है, जिससे 4,500 से अधिक महिलाएँ और 5,000 पुरुष किसान जुड़े हुए हैं। इससे उन्हें फसलों के बेहतर दाम मिल रहे हैं। उनका एग्री-क्लिनिक और एग्री-बिज़नेस सेंटर भी है जो अब तक 12,000 से ज़्यादा युवाओं को ट्रेनिंग दे चुका है, जिससे कई युवाओं को रोज़गार मिल चुका है। उन्होंने 1,500 महिलाओं को जोड़कर महिला किसान विकास महासंघ भी बनाया है,जो रोज़ाना 10 टन सब्ज़ियाँ भारती वॉलमार्ट को भेजता है।
उनकी अंतरफसली खेती, कीमत बढ़ोतरी और सीधे बाज़ार से जोड़ने की सोच से किसानों को यह फ़ायदा हुआ कि प्रति एकड़ आमदनी दोगुनी से भी ज़्यादा हो गई है।

खेती में उनकी नई सोच से उन्हें मिले ढ़ेरों सम्मान  



आइए जानते हैं उन्हें कौन -कौन से सम्मान मिले हैं, उन्हें 2017 में नेशनल अवॉर्ड फॉर इनोवेशन इन एग्रीकल्चर मिला , 2019 में कृषि प्रेरणा सम्मान (महिंद्रा समृद्धि)मिला ,2019 में वुमेन फ़ार्मर इनोवेटिव अवॉर्ड (राजस्थान) और 2025 पुसा फ़ार्मर इनोवेटिव अवॉर्ड (ICAR, नई दिल्ली) में मिले है। इतने सारे सम्मान उन्हें इसलिए मिले क्योंकि उन्होंने अपने जिंदगी की 20 साल से भी ज्यादा समय किसानों को बेहतर बनाने और खेती को नई ऊचाइयों तक पहुँचाने में लगाया है। आज उनकी वजह से उत्तर प्रदेश के 10 ज़िलों में 30,000 से ज़्यादा किसानों की ज़िंदगी बदली है। उनका काम करने का तरीका बाकियों से बिल्कुल अलग है, क्योंकि वह खेती में टिकाऊ तरीकों, विज्ञान और समाज को साथ लेकर चलती हैं। उनकी सच्ची निष्ठा का ही परिणाम है कि उन्हें इतने सारे  सम्मान से सम्मानित किया गया है। 

नीलम जी की सफलता ने ये दिखा दिया कि इंसान को जो मन में आता है उसको सही दिशा ज़रूर देनी चाहिए, क्योंकि कौन-सी सोच कब और कितनों का भला कर दे, यह कोई नहीं जानता। ज़िंदगी में पैसे तो इंसान कमा ही लेता है, अपने लिए सोच ही लेता है, पर अगर आपकी सोच-समझ से दूसरों का भी भला हो जाए तो जीवन सफल माना जाएगा।

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