गेंहू के किसानों के लिए जरूरी सूचना, नही चाहिए रोग-कीट का खतरा तो बुवाई से पहले करें ये काम, नहीं होगा कोई नुकसान
गेंहू के किसानों के लिए जरूरी सूचना
गेंहू की खेती में जल्द ही किसान जुट जायेंगे। इसी लिए हम गेंहू से जुडी जानकारी लेकर आये है। गेंहू की फसल में भी कई तरह के रोग-कीट आते है। जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन समय पर अगर किसान सही कदम उठा ले तो इस परेशानी को आने से पहले ही रोका जा सकता है।
जी हाँ अगर किसान गेंहू की फसल से अच्छी उपज चाहते है तो उन्हें बीज का उपचार करके ही बुवाई करनी चाहिए। इससे बीज अंकुरण हल्दी होगा, फफूंद नहीं लगेगा, फसल अच्छी-मजबूत होगी जिससे उत्पादन बढ़ेगा, खर्चा कम आएगा लेकिन कमाई अधिक होगी। चलिए अब रसायन और जैविक दोनों तरह के उपाय बताते है बीज उपचार करने के लिए। क्योकि अब कई किसान जैविक की खेती करने लगे है।
बीज उपचार करने का जैविक उपाय जानें
जैविक खेती करने के लिए अब किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिससे खेत की मिट्टी और किसान की सेहत दोनों को केमिकल से बचाया जा सके। कई किसान अब जैविक खेती की तरफ जा रहे है। तब अगर बीज उपचार भी जैविक रूप से करना चाहते है तो 5 या 6 ग्राम ट्राइकोडर्मा एक किलो बीज के अनुसार लीजिये और बीज उपचार कीजिये। इससे बीज का अंकुरण बढ़िया से होगा और बीज जनित, भूमि जनित रोग को फसल को नहीं घेरेंगे। इससे सब्जियों के बीज भी उपचारित किये जाते है। चलिए अब रासायनिक तरीका और बीज उचार की विधि जानते है।
बीज उपचार करने का रासायनिक उपाय जानें
अधिक उपज लेने के लिए कई किसान रासायनिक उत्पाद की तरफ आज भी है। अगर रासायनिक उपाय से बीज उपचार करना चाहते है तो 1 किलो बीज के अनुसार 2 या 2.5 ग्राम कैप्टान / थीरम नाम का रसायन लेकर बीज उपचार करना है। अगर चाहे तो 2 से 2.5 ग्राम बावस्टीन से भी यह कर सकते है। बीज उपचार की विधि की बात करें तो पहले बीजों को छाया वाली जगह पर बिछाकर पानी डालिए, इसके बाद रसायन को बीज के ऊपर छिड़क कर अच्छे से मिलाएं। फिर इनको बोयें। इससे कई फायदे है। किसानों को सभी चिंताएं दूर होंगी।