गर्मी में खेत खाली छोड़ने के बजाय उससे कमाई करना चाहते हैं तो इस लेख में आपको बताते हैं कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसल के बारे में-
गर्मी में सब्जी की खेती
गर्मी में सब्जी की खेती में मुनाफा है, लेकिन कई ऐसी फसले हैं जो गर्मी में मौसम की मार को नहीं झेल पाती है। जिससे किसान लागत तो लगा देते हैं लेकिन अच्छा उत्पादन नहीं मिलता। जिससे किसान को नुकसान हो जाता है। इसलिए आज हम इस लेख के जरिए एक ऐसी फसल की जानकारी देना चाहते हैं जिसकी गर्मी में अगर किसान खेती करते हैं तो भी अच्छा उत्पादन उससे उन्हें मिल सकता है।
तो अगर सरसों गेहूं की कटाई के बाद खेत खाली हो जाता है तो मार्च के अंतिम सप्ताह तक इस फसल को लगा सकते हैं। लागत 10 से 15000 आएगी और कमाई 1 एकड़ से खर्च निकालने के बाद भी लाखों में हो सकती है।
फसल का नाम
दरअसल, काचरी की खेती के बात कर रहे हैं। जिसकी खेती का समय जनवरी से मार्च और जून से जुलाई के बीच होता है। बढ़िया जल निकासी वाली दोमट मिट्टी से काचरी की खेती से अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है। इसमें ज्यादा खर्च करने की जरूरत नहीं है। किसान हल चला कर भी इसकी खेती कर सकते हैं, और अच्छा उत्पादन ले सकते हैं। कम मेहनत और रखरखाव वाली यह फसल है, रोग बीमारी भी ज्यादा नहीं लगती, जिससे अन्य खर्च भी बच जाते हैं।
यह एक देसी फसल है जिसका गर्मियों में अच्छा उत्पादक किसानों को मिलता है। काचरी की खेती अगर किसान एक एकड़ में करते हैं तो उससे 70 से 80 क्विंटल उत्पादन मिल जाता है तो अगर 10 से ₹15 भी कीमत मंडी में मिलती है तो लाखों में मुनाफा पहुंच जाता है।

खेती का तरीका
काचरी की खेती आसान विधि से किसान कर सकते हैं। जिसमें 5 फीट की दूरी में लाइन और 1 फीट की दूरी में बीजों की बुवाई कर सकते है। अच्छा उत्पादन लेने के लिए बुवाई से पहले दो ट्रॉली गोबर की पुरानी खाद डालें। दो बार खेत की जुताई करके खाद डालने के बाद आखिरी जुताई करके फिर बुवाई करें।
अगर किसान रासायनिक खाद डालना चाहते हैं तो 30 से 40 किलो डीएपी, 10 से 15 किलो यूरिया और 20 किलो एमओपी खाद दे सकते हैं। यह किसानके खेत पर निर्भर करता है कि किन पोषक तत्वों की कमी है। अच्छा उत्पादन और ज्यादा कमाई लेने के लिए किसान छोटे आकार के बीजों की वैरायटी का चयन करें। बीज भंडार से किसान काचरी के बीज ले सकते हैं।