गेहूं में नहीं बनेंगे दाने, निकलेगा काला पाउडर, इस भयंकर बीमारी के चलते बर्बाद हो जाएगी फसल, जानिए उपचार

गेहूं की खेती करने वाले किसानों के लिए जरूरी खबर। चलिए आपको गेहूं की फसल में लगने वाले भयंकर रोग की जानकारी देते हैं, जिससे पैदावार घटने से बचा सकते हैं।

गेहूं की फसल में लगने वाला रोग

रबी फसलों में गेहूं की फसल मुख्य फसल मानी जाती है। जिसमें ज्यादातर किसान गेहूं की खेती ही करते हैं। गेहूं की कुछ किसान अगेती तो कुछ पछेती खेती भी करते हैं। इस समय मौसम के बदलाव के चलते फसलों में विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी फैल रही है। जैसे कि आज हम एक बीमारी की बात कर रहे हैं। उस बीमारी के कारण गेहूं के दाने के जगह काला पाउडर निकल सकता है। जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है। इस समय कुछ खेतों में अब फूल आने लगे हैं। इस समय यह बीमारी गंभीर समस्या बन रही है। चलिए आपको इस बीमारी का नाम लक्षण कारण और फिर उपचार बताते हैं।

बीमारी का नाम

गेहूं की खेती में किसानों को फायदा तभी है। जब उन्हें बढ़िया गुणवत्ता वाला गेहूं प्राप्त हो और उत्पादन भी ज्यादा मिले। लेकिन लूज स्मट बीमारी अगर गेहूं की फसल में लग जाती है तो उत्पादन 20 से 30% तक घट सकता है। साथ ही साथ दाने नहीं बनेंगे, उनकी गुणवत्ता भी खराब होगी, दानों की जगह पर काला पाउडर निकलता है, यह बीमारी रोग अस्टीलैगो सेजेटम नामक फफूंद से होती है।

यह हवा में उड़कर पूरी फसल को संक्रमित कर सकता है। चलिए आपको बताते हैं कि इन फसलों में यह रोग नहीं लगेगा और अगर यह समस्या आती है तो उसके लिए क्या उपचार करना है।

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यहां जाने उपचार

  • गेहूं के फसल में अगर यह लूज स्मट बीमारी की समस्या देखने को मिलती है तो किसान को घबराने की जरूरत नहीं है। वह उसका उपचार कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए समय पर इस बीमारी की जानकारी होनी चाहिए।
  • जिन किसानों ने बीज उपचार करके बुवाई की थी। उनकी फसल में यह रोग नहीं दिखाई देगा।
  • लेकिन जिन्होंने बीच उपचार नहीं किया था। उनके खेतों में यह समस्या आ सकती है। जिसके लिए वह स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • किसान चाहे तो कॉपर ऑक्सिक्लोराइड या फिर मैंकोजेब फफूंदनाशक से भी इस बीमारी से निपट सकते हैं। अगर किसान चाहते हैं किसी तरह की बीमारियां फसलों में ना आए तो रोग प्रतिरोधी किस्म का चुनाव करना चाहिए। जिसमें इस तरह की बीमारी नहीं लगती इसकी बुवाई करनी चाहिए।

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