गाय को कराए इस चीज का सेवन दूध देने की क्षमता में होगी वृद्धि, बाल्टियां भर-भर के देगी दूध

गाय को कराए इस चीज का सेवन दूध देने की क्षमता में होगी वृद्धि, बाल्टियां भर-भर के देगी दूध, आप भी पशुपालन का कार्य करते है तब यह आपके लिए बहुत जबरदस्त खबर है। दूध देने वाले पशुओं पर थोड़ा ज्यादा ध्यान देना होता है। गाय हो यह भैंस ऐसे दूध देने वाले पशुओं के खान-पान पर भी खास ध्यान देना होता है। आपके घर में भी गाय और भैंस है और आप इनके दूध देने की कम क्षमता को लेकर परेशान है तब आपको टेंशन लेने की आवश्यकता नहीं है। आज आपको ऐसा तरीका बताने जा रहे हैं इससे आपके दूध देने वाले पशु के दूध देने की क्षमता में लगातार बढ़ोत्तरी होती नजर आएगी।

हमारा भारत देश है जो दूध के उत्पादन में नंबर वन पर आता है लेकिन वही यह खिताब जिसकी वजह से मिला है ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर पशु की संख्या बहुत ज्यादा मात्रा में पाई जाती है। जिसके बावजूद यह दूध का उत्पादन बाकि देशों के मुकाबले में बहुत कम होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत देश में दूध देने वाले पशु के खान-पान पर कम ध्यान देते है। दूध देने वाले पशु को अच्छा आहार और चारा खिलाना होता है। भारत देश में चारे के और ज्यादा ध्यान नहीं देते है। दूध देने वाले पशु को अच्छा चारा और दाना देना बहुत आवश्यक होता है।

चारा और अनाज

अगर आप पशु पालन करते है तो आपको इस बात पर ध्यान देना होगा कि 400 किलोग्राम वजन वाली पशु के पालन के लिए रोजाना औसतन लगभग 1.5 किलोग्राम दाना कड़वे भूसे के साथ में देना होगा। वही प्रत्येक लगभग 3.0 किलो दूध उत्पादन पर गाय को लगभग 1 किलो दाना अलग से देना पड़ेगा।

इसी प्रकार एक गाय जिस गाय का वजन लगभग 11 किलो होता है। रोजाना दूध प्रदान करती है, इसे पैरा भूसा या फिर कड़वी के साथ में रोजाना करीबन 5.5 किलोग्राम दाना देना बहुत आवश्यक होता है। लेकिन वही जिस समय दालें और हरा चारा है तब आपको दूध देने वाले पशु को अनाज पशुओं को कम मात्रा में देना होता है।

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सूखे हुए इस घास में पोषक तत्व की बहुत कम मात्रा पुआल या पुआल के मुकाबले में बेहद ज्यादा पाई जाती है। सिर्फ सूखी हुई घास पशु को देने से पालन-पोषण के लिए जरुरी पोषक तत्व की पूर्ति की जा जाती है, लेकिन वही दूध उत्पादन के लिए जरुरत के मुताबिक अनाज की जरुरत पड़ती है।

जिस प्रकार, लगभग 400 किलोग्राम वजन होने वाली और 10 किलोग्राम दूध प्रदान करने वाली गाय को रोजाना सूखी हुई घास के साथ में केवल 4 किलोग्राम अनाज देना होगा।

गाय का चारा लोबिया, बरसीम और ल्यूसर्न

अगर आप पशु पालन करते है तब आपको पैरा, भूसा या फिर कड़वी के साथ में पालन के लिए रोजाना 8 से लेकर 10 किलोग्राम हरा दलहनी चारा की जरुरत पड़ती है। जिसकी गायें जो रोजाना करीब 5 किलोग्राम दूध प्रदान करती हैं, जिनको जरुरत की मात्रा में आपको पैरा भूसा या फिर कड़वी के साथ में करीब 30 किलोग्राम हरी बरसीम या लूरसन खिला सकते है।

इसके बाद पशुओं को किसी अलग अनाज की कोई जरुरत नहीं पड़ती है। सूखी हुई घास जरुरत की मात्रा में उपलब्ध होने पर दूध उत्पादन के लिए हरी बरसीम, लूसर्न या लोबिया ही पशु को देना होता है।

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वही आपको बता दे कि दलहन के इस चारे में आपको कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होने की वजह से यह दूध उत्पादन को बनाने में बहुत मददगार रहती है। वही गैर-फलीदार हरा चारा जैसे कि – संकर ज्वार, मक्का, एम.पी. चरी, जई जैसे कई फलीदार हरे चारे के मुकाबले में बहुत कम पौष्टिक पाए जाते हैं। यह पशुओं की निर्वाह जरूरतों को पूर्ण कर पाते हैं, लेकिन वही उत्पादन के लिए इन्होने दालों या फिर अनाजों के साथ में मिलाकर खिला देना होता है।

गर्भवती गाय का चारा

अगर गाय गर्भवती है तब आपको इस गाय को गर्भवती पशुओं को अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। गर्भवती होने के 6 महीने के बाद में इस भ्रूण के विकास की गति लगातार बढ़ती जा रही है, जिसके लिए गर्भावस्था के अंतिम 3 माह में चारे से खाली पोषक तत्वों की पूर्ति करना बहुत जरुरी है।

अगर 3 महीने के भीतर हरा चारा है तब आपको 10 से लेकर 15 किलोग्राम हरे चारे के साथ में लगभग 30 से लेकर 50 ग्राम खनिज लवण और लगभग 30 ग्राम सादा नमक देना होता है। इस गर्भवती गाय को बच्चा देने से करीबन 15 दिन पूर्व लगभग 2-2.5 किलो दाना देना होता है। अगर आपको गाय जल्द दूध देने लगते है और गाय के थन में सूजन दिखने लगे तब दाने की मात्रा कम करना होता है।

महत्वपूर्ण है विटामिन ए

गाय के ब्याने से पूर्व गाय को पके हुए दलिया और गुड़ खिलाना बहुत जरुरी होता है। जिसके साथ ही कई दिनों तक गेहूं का चापर/ज्वार/गेहूं का दलिया, मीठा तेल जैसे कई चीजें देना होता है। गाय के बच्चे के जन्म लेने के कुछ ही दिन बाद से ही आहार बहुत ही कम मात्रा में देना होता है। गाय को क़रीब दो हफ्तों तक चारे की पूरी मात्रा देना होता है।