लहसुन की मंडियों में लहसुन के भाव गिरते देख किसानों के बीच हाहाकार, चलिए जानें लहसुन की कीमत क्या मिल रही, कितना किसानों को नुकसान हो रहा-
ऊटी लहसुन के किसानों को नुकसान
ऊटी लहसुन की कीमत किसानों को अच्छी मिलती है, जिससे अधिक किसान इसकी खेती करते है। लेकिन अब इसके भाव इस तरह से गिर रहे है किसानों को नुकसान हो रहा है। जबकि 2024 में किसानों को ऊटी लहसुन की अच्छी कीमत मिली थी। लेकिन अब नहीं मिल रही है। जबकि किसानों को इसकी खेती में लगत बहुत आई है। बता दे कि लहसुन के लिए प्रसिद्ध रतलाम, मंदसौर और नीमच (मध्य प्रदेश) की मंडियों में ऊटी लहसुन का भाव 10 हजार रु से 13 हजार रु क्विंटल तक ही मिल रहा है। यह कीमत औसतन और बढ़िया गुणवत्ता वाली लहसुन की है। चलिए आपको बताते इसका कारण किसानों ने क्या बताया और सरकार से मांग क्या है।
खेती में आने वाली लागत
लहसुन की खेती में किसानों ने खर्च जितना किया उसके हिसाब से उन्हें मुनाफा नहीं मिल रहा है। जी हाँ किसान बताते है कि ऊटी का एक क्विंटल बीज 45 से 50 हजार रु क्विंटल पड़ा है, इसके आलावा खेती के अन्य भी खर्चे है जिससे कुल मिलाकर एक बीघा में 80 हजार से ₹1 लाख तक खर्च किये है। मगर ऊटी लहसुन के भाव 10 हजार रु क्विंटल तक जा रहे है। वहीं किसान कहते है कि उत्पादन एक बीघा में 8 से 10 क्विंटल मिलता है। इस हिसाब से देख सकते है कितना नुकसान हो रहा है। जिससे किसान निराश है।
सरकार से कर रहे ये मांग
ऊंटी लहसुन की कीमत से परेशान किसान अब सरकार मांग कर रहे है। ताकि उन्हें इसकी खेती में नुकसान न हो। जिसमें किसान कह रहे है कि सरकार लहसुन और प्याज जैसी फसलों को भी एमएसपी पर खरीदें। ताकि लागत तो किसानों को मिले। इस तरह किसान केंद्र सरकार और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से कह रहे इस विषय पर ध्यान दिया जाए। किसान का कहना है कि केन्द्र सरकार को आयात नीति बदलना चाहिए। दरअसल किसान का मानना है कि चीन से लहसुन भारत की मंडियों में आ रहे है। जिससे यहाँ के लहसुन की बिक्री कम हो रही जो हो रही तो कीमत कम मिल रही है।