लहसुन की खेती बहुत उच्च स्तर पर बड़ा मुनाफा कमाने वाली होती है लहसुन की बुवाई का समय आ चूका है अक्टूबर नवंबर के महीने में लहसुन की बुवाई शुरू हो जाती है। तो चलिए लहसुन की खेती के लिए अच्छी उपज देने वाली सबसे बेस्ट वैरायटी के बारे में जानते है।
लहसुन के कंद के मोटे साइज के लिए लगाएं किस्म
लहसुन एक महत्वपूर्ण मसाला फसल है जिसकी मांग बाजार में पूरे साल बनी रहती है। इसलिए लहसुन की खेती के लिए अच्छी भंडारण क्षमता वाली किस्म का चयन करना चाहिए जिससे लहसुन को कई समय तक स्टोर करके रखा जा सके। ये खेती किसानों की आय का एक अच्छा स्रोत है। लहुसन की खेती के लिए आज हम आपको एक ऐसी किस्म के बारे में बता रहे है जो अच्छी भंडारण क्षमता वाली रोग प्रतिरोधक किस्म होती है इस किस्म को सूखे स्थान पर 4–5 महीने तक सुरक्षित रखा जा सालता है। इसमें लगभग 25–30 कलियाँ प्रति गांठ में होती है बाजार में इसकी मांग खूब अधिक रहती है क्योंकि इसके कंद का रंग और आकार आकर्षक होता है। जिससे लोग इसे खरीदना ज्यादा पसंद करते है लहसुन की इस वैरायटी का नाम यमुना सफेद-3 है।

लहसुन की यमुना सफेद-3 वैरायटी
लहसुन की यमुना सफेद-3 वैरायटी व्यावसायिक तौर पर खेती के लिए बहुत आदर्श होती है इसकी खेती का सबसे उत्तम समय अक्टूबर से नवंबर का महीना होता है लहसुन की यमुना सफेद-3 किस्म की बुवाई से पहले खेत को अच्छे से तैयार करना चाहिए उसकी जुताई करके मिट्टी में खाद डाल के मिट्टी को भुरभुरा बनाना चाहिए। इसकी बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर लगभग 500–600 किलोग्राम बीज की आवश्यक होती है लहसुन की यमुना सफेद-3 वैरायटी की खेती में कतार से कतार की दूरी 15 से.मी. और पौधे से पौधे की दूरी 10 से.मी. रखना चाहिए। बुवाई के बाद लहसुन की यमुना सफेद-3 वैरायटी की फसल तैयार होने में कम से कम 165–170 दिन का समय लग सकता है। इसकी खेती में अच्छी उपज के लिए संतुलित मात्रा में पोषक तत्व की पूर्ति का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
लहसुन की यमुना सफेद-3 किस्म की उपज
लहसुन की यमुना सफेद-3 वैरायटी की खेती करने से बहुत अच्छी पैदावार मिलती है ये किस्म मार्केट में अच्छे दाम प्राप्त करती है क्योकि इसका कंद दिखने में आकर्षक और उच्च गुणवत्ता वाला होता है। एक हेक्टेयर में लहसुन की यमुना सफेद-3 वैरायटी की खेती करने से लगभग 180 से 200 क्विंटल तक लहसुन की पैदावार मिलती है आप इसकी खेती से कम से कम 7 से 8 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई कर सकते है। अक्टूबर नवंबर में इसकी खेती जरूर करना चाहिए।

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