मनी प्लांट की पत्तियां पीली पड़ रही है या उसका विकास रुक गया है तो चलिए इस लेख में आपको बताते हैं कि मनी प्लांट में घर में रखी कौन सी चीज डालने से यह सब समस्या खत्म हो जाएगी-
मनी प्लांट
मनी प्लांट घर में लोग कई कारणों से लगाते हैं, कुछ लोग इसे शोभा बढ़ाने के लिए लगाते हैं तो कुछ लोग आर्थिक तंगी दूर करने के लिए। क्योंकि मनी प्लांट को वास्तु शास्त्र के अनुसार धन-समृद्धि बढ़ाने वाला पौधा माना जाता है। इसे लगाना भी बेहद आसान है। इसलिए ज्यादातर लोग इसे लगा लेते हैं। लेकिन इसमें भी कई तरह की समस्याएं आती हैं। अगर कुछ छोटी बातों का ध्यान ना रखा जाए। तो इसलिए हम आपके लिए समय-समय पर बागवानी से जुड़ी नई-नई युक्तियां लेकर आते हैं। जिससे बेहद कम खर्चे में बागवानी करके घर के माहौल को खुशहाल बनाया जा सके।
मनी प्लांट की देखरेख
- मनी प्लांट के पौधे को सीधे धूप से बचाना चाहिए। क्योंकि यह इसके लिए नुकसानदायक होती है। पत्तियों को जला देती है। सुबह की 2 घंटे की धूप मनी प्लांट के लिए बढ़िया होती है। तब उसे बाहर रखना चाहिए। बाकी समय उसे छांव वाली जगह पर ही रखना चाहिए।
- मनी प्लांट की पत्तियां सूख जाती है या पीली पड़ जाती है, उन्हें तुरंत तोड़कर हटा देना चाहिए।
- मनी प्लांट को सर्दियों में ज्यादा पानी नहीं देना चाहिए।
यह सफेद पानी मनी प्लांट में डालें
जैसा कि हमने बताया कि सफेद पानी है जो महिलाएं रोजाना फेंक देती है। दरअसल हम चावल का पानी की बात कर रहे हैं। जब चावल बनाया जाता है तो उसे पहले पानी में धोया जाता है और उसे सफेद पानी में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं। जिससे पौधे को फायदा होता है। मनी प्लांट में यह सफेद पानी देने से पत्तियां पीली पड़ने की समस्या नहीं आती और पत्तियों का रंग गहरा हरा होता है।
साथ ही विकास भी अच्छा होता है। क्योकि चावल का पानी में नाइट्रोजन, फ़ॉस्फ़ोरस, लोहा, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फ़र, विटामिन बी, प्रोटीन, फ़ाइबर, और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व होते है।
चॉक का इस्तेमाल
अगर आपके पास इतना समय नहीं है कि आप चावल का पानी समय पर दे सके तो चॉक का इस्तेमाल भी फायदेमंद साबित हो सकता है। ₹2 की लिखने वाली चॉक एक या दो मिट्टी में दबा दें और जब भी पानी देंगे तो पौधे को कैल्शियम मिलेगा। जिससे भी पौधे का विकास अच्छा होता है। उससे फायदा होता है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।