नींबू में फूल-फल नहीं आ रहा है बहुत लंबे समय से, तो चलिए जानते हैं कौन सा जैविक तरीका है जिससे फूल-फल अधिक आ सकते हैं-
नींबू में फूल-फल की कमी
नींबू में कई कारण की वजह से फूल और फल नहीं आते हैं। जिसमें अगर अपने गमले में या घर पर जमीन पर भी नींबू का पेड़ लगाया है तो बीज के द्वारा नींबू का पौधा नहीं तैयार करना चाहिए। क्योंकि उसे लंबे समय के बाद फल आते हैं। इसलिए ग्राफ्टेड नींबू लगाना चाहिए। इसके अलावा हर मौसम में रुट प्रूनिंग भी करना चाहिए। फरवरी में आप रुट प्रूनिंग कर सकते हैं। गमले में लगाया तो गमलें की मिट्टी को बदल सकते हैं।
साल में एक बार नींबू से अधिक फल लेने के लिए उसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम युक्त खाद देनी चाहिए। तो चलिए आपको बताते हैं घर में वह कौन सी चीज रखी है जिनके द्वारा पौधे को यह सभी पोषण दिए जा सकते हैं।
नींबू के लिए घरेलू खाद
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए नींबू के पेड़ में कौन-कौन सी चीज कैसे देनी है-
- नींबू की मिट्टी को बदल सकते हैं। जिसके लिए गमले से पौधा को बाहर निकले दूसरी मिट्टी तैयार करें। जिसमें पानी के निकासी की व्यवस्था करें।
- जमीन में लगा है तो किनारे की मिट्टी निकालकर यह सब खाद दें।
- जिसमें नाइट्रोजन के लिए गोबर की पुरानी खाद डाल सकते हैं जो की एक-दो साल पुरानी सड़ी हुई खाद होनी चाहिए।
- इसके बाद कैल्शियम के लिए अंडे के छिलके की खाद डाल सकते हैं।
- जिसमें 5 से 6 अंडे के छिलकों को धूप में सुखाकर पीसकर उसका इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर अंडे का इस्तेमाल नहीं करते तो चॉक या चूना भी डाल सकते हैं।
- इसके बाद केले के छिलके का पाउडर डाल सकते हैं, जो की पोटेशियम का स्त्रोत होता है।
- साथ ही लकड़ी की राख लगभग दो मुट्ठी इसमें डालनी चाहिए।
- सीवीड बायोजाइम भी इसके लिए बढ़िया होता है, एक मुट्ठी डाल सकते हैं।
- अंत में नीम की खली डाल दे अगर है तो इससे फंगस आदि की समस्या नहीं आएगी।
- फिर मिट्टी से इसे ढक दें और इसमें पौधा लगाए।
- इसके बाद सोयाबीन की दाल से प्रोटीन विटामिन युक्त खाद देंगे। जिसमें लगभग तीन चम्मच पिसी हुई सोयाबीन की दाल को 1 लीटर पानी में भिगोकर लगभग 8 घंटे के लिए रख दे। उसके बाद इसे छानकर इस पानी को मिट्टी में डालें।
नींबू के लिए स्प्रे
नींबू में कीट की समस्या ना आए तथा पौधा अच्छे से भोजन बनाएं इसके लिए एक प्याज लेना है, उसे पीसना है, और 1 लीटर पानी में मिलाकर छानना है। फिर इसको पौधे पर स्प्रे करना है। सल्फर की मात्रा इसमें ज्यादा होती है, और मैग्नीशियम भी पौधे को मिलता है, कीड़े नहीं लगेंगे, यह एक तरह से एक जैविक तरीका।

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