तुलसी के पत्तों को छोटे से बड़ा करने के लिए डालें ये फ्री की चीज, पौधे की अपार वृद्धि देख हैरान रह जाएंगे, फिर कहेंगे काश ये बात मुझे पहले पता होती

तुलसी के पौधे का विकास रुका हुआ है, पत्तियां छोटी हो रही है तो चलिए आपको बताते हैं पत्तियां बड़े करने, पौधे का विकास बेहतर तरीके से करने के लिए कौन सी खाद डाल सकते हैं-

तुलसी का पौधा

तुलसी का पौधा अधिकतर धर्म के लोग अपने घरों में लगाते हैं। क्योंकि सिर्फ इसकी पूजा ही नहीं की जाती बल्कि यह औषधि गुण के लिए भी मशहूर है। तुलसी की पत्तियां सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा लाभकारी होती है। इसीलिए इसे लगाने के लिए कोई धर्म नहीं देखते हैं। लेकिन हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है, फूल चढ़ाया जाता है।

इस तरह यह पौधा बहुत ही ज्यादा खास होता है। अगर आपने भी अपने घर में तुलसी का पौधा लगाया रखा है और उसमें कोई समस्या आ रही है, जैसे कि पौधे का विकास रुका हुआ है, पत्तियां छोटी हो रही है तो आपको बताते हैं कि किन बातों को ध्यान रखना है और कौन सी खाद इसे दे सकते हैं।

तुलसी में रखे इन बातों का ध्यान

तुलसी का पौधा आसानी से लगाया जा सकता है। लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है। ज्यादा इसे देख-रेख की जरूरत तो नहीं है। लेकिन गर्मी, बरसात और सर्दी मौसम के अनुसार कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे की सर्दी में रात के कोहरे से पाला से बचाना चाहिए। इसके अलावा गर्मी में तेज धूप से बचना चाहिए, छांव में रख देना चाहिए और बरसात में बहुत ज्यादा गमले में पानी भरने से भी जड़ सड़ने लगती हैं। तुलसी के पौधे की समय पर कटाई छटाई भी कर देना चाहिए, जो बीज मंजरी बनती है, उन्हें भी काट देना चाहिए, नहीं तो पूरा पोषण पौधे का बीज बनाने में चला जाता है।

इस लिए 4-5 अपनी जरूरत के लिए मंजरी नए पौधे तैयार करने के लिए रखे, लेकिन बहुत ज्यादा मंजरी रहती है तो बाकी के हटा दे पानी के निकासी का ध्यान रखना चाहिए। गमले में लगाया है तो पानी रुकना नहीं चाहिए। ऊपर से पानी जब ज्यादा देते हैं तो नीचे से पानी निकल जाना चाहिए, रुकना नहीं चाहिए।

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तुलसी के लिए खाद

तुलसी के लिए आज हम जिस खाद की बात कर रहे हैं, वह आपको मुफ्त में मिल जाती है। जिसमें दो चीजों का मिश्रण आपको खाद के रूप में देना है। यहां पर सबसे पहले केले के छिलके लेने हैं, 2 से 3 केला का छिलका ले लीजिए और उसे बढ़िया से सुखाकर पीसकर पाउडर बना लीजिए।

इसके बाद आप जब पूजा करते हैं तो जो अगरबत्ती जलाते हैं उसकी राख लेनी है और दोनों को बराबर मात्रा में मिल लेना है। इसके बाद सिर्फ एक चम्मच इस मिश्रण को लेकर तुलसी के पौधे की मिट्टी में डालना है। अगर आपका गमला बहुत बड़ा है, पुराना पौधा है तो आप दो चम्मच भी दे सकते हैं। यह खाद पौधे के विकास के लिए काम करती है। साथ ही अन्य समस्याओं से भी दूरकर देती है।

अगर यह खाद नहीं देना चाहते हैं तो सरसों की खली भी दे सकते हैं। सरसों की खली पाउडर और लिक्विड फॉर्म में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। लिक्विड ज्यादा बेहतर होगी। लिक्विड के लिए 100 ग्राम सरसों की खली को 1 लीटर पानी में तीन से चार दिन के लिए भिगो कर रखना है। उसके बाद 5 लीटर पानी में इस मिश्रण को मिलाना है, और सभी पौधों की आप जड़ों में दे सकते हैं। इससे पौधों का विकास होता है। फंगस की समस्या नहीं आती। मिट्टी के गुणवत्ता बेहतर होती है।

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