पौधों की हेल्थ के लिए घर की बनी खाद सबसे ज्यादा फायदेमंद होती है इस खाद में दुनिया भर के पौष्टिक तत्व पाए जाते है जो पौधों को फैलने फूलने में बेहद सहायक होते है।
पौधों में होगी हैवी फ्लॉवरिंग और फ्रूटिंग
गार्डनिंग का शौक कुछ लोगों को बहुत ज्यादा रहता है कही भी जाते है छोटे-छोटे नए वैरायटी के पौधे देखते ही उन्हें घर ले आते है पेड़ पौधों की खूबसूरती हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर ही लेती है अक्सर लोग नर्सरी से पौधे लाते है और बगीचे में लगाते है लेकिन पौधों की ग्रोथ अच्छे से नहीं हो पाती है क्योकि नर्सरी वाले पौधों को हरा भरा रखने के लिए केमिकल खाद का इस्तेमाल करते है जो पौधे को कुछ समय तक ही पोषण देती है। आज हम आपको घर की बनी एक सबसे शक्तिशाली खाद के बारे में बता रहे है जो पौधों को लंबे समय तक नुट्रिशन देने का काम करती है और पौधों को स्वस्थ रखती है। इस खाद को बनाने के लिए बाजार से कुछ खरीद के लाने की जरूरत नहीं है बल्कि घर के किचन में पड़ी कुछ चीजें ही काफी है।
बगीचे में लगे पौधों में डालें घर की बनी ये खाद
फल, फूल, सब्जियों जैसे सभी प्रकार के पौधों में डालने के लिए हम बेसन, गुड़, अनार-केले के छिलके, आलू से बने जैविक उर्वरक के बारे में बता रहे है ये एक ऑर्गेनिक और उत्कृष्ट फर्टिलाइजर है जो पौधे को अनेकों फायदे प्रदान करता है। बेसन में नाइट्रोजन का अच्छा स्रोत होता है जो पौधों की वृद्धि में मदद करता है। गुड़ मिट्टी में लाभकारी सूक्ष्मजीवों को बढ़ाता है गुड़ में आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम जैसे कई अन्य पोषक तत्व के गुण होते है। जो पौधे में फलने फूलने में मदद करते है। अनार के छिलके में पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत होता है इसके पोषक तत्व जड़ों के विकास, फूलों और फलों के उत्पादन को बढ़ाते है और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करते है। केले के छिलके पौधे में लगे फलों की गुणवत्ता में सुधार करते है और फूल को झड़ने से रोकता है। आलू फॉस्फोरस, कैल्शियम और पोटेशियम का उच्च स्रोत होता है ये मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ को बढ़ाता है जिससे मिट्टी की संरचना और सूक्ष्मजीवों में सुधार होता है।

खाद बनाने की विधि
पौधों में डालने के लिए बेसन, गुड़, अनार-केले के छिलके, आलू से बने जैविक उर्वरक का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले एक एयर टाइड कंटेनर में 100 ग्राम बेसन, 50 ग्राम गुड़, एक से दो अनार-केले के छिलके, एक आलू का पेस्ट को डालकर उसमे 3 लीटर पानी भर देना है और कंटेनर को ढक कर 15 दिन के लिए छोड़ देना है। 15 दिन बाद इसे छानकर इसमें 4 गुना पानी मिला देना है फिर इस लिक्विड उर्वरक को पौधों में एक मग भर कर डालना है। ऐसा करने से पौधों को बहुत ज्यादा पोषण मिलेगा और पैदावार अच्छी प्राप्त होगी।

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