मखाने की खेती से एक एकड़ से 3 लाख रुपए कमा सकते है किसान, निशुल्क प्रशिक्षण और अनुदान की मिलेगी सुविधा, जानिए कलेक्टर के निर्देश

मखाने की खेती करके किसान अपनी जिंदगी बदल सकते हैं। लाखो रु कमा सकते है। जिसके लिए कलेक्टर ने कृषि विभाग को किसानों की मदद के लिए कई बड़े निर्देश दिए हैं-

मखाने की खेती में अधिक मुनाफा

मखाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसीलिए इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है। मखाने की अच्छी कीमत किसानों को मिलती है। कई राज्यों के किसान मखाने की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। किसान अगर एक एकड़ में धान की खेती करते हैं तो 75000 तक कमा पाते हैं, लेकिन अगर मखाना की खेती करेंगे तो 3 लाख रुपए आमदनी हो सकती है। यही फायदा देखते हुए धमतरी जिले के किसानों को अब व्यवसायिक तौर पर मखाने की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

आपको बता दे की धमतरी, छत्तीसगढ़ में आता है। जिसमें कलेक्टर अविनाश मिश्रा, कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों, प्रगतिशील किसानों के साथ बैठक किया। जिसमें मखाने की खेती को लेकर किसानों को मदद करने का ऐलान किया है। चलिए आपको बताते हैं किसानों को मिलने वाली निशुल्क सुविधा के बारे में।

निशुल्क प्रशिक्षण

मखाने की खेती अगर किसान प्रशिक्षण लेकर करेंगे तो अधिक पैदावार ले पाएंगे। सही तरीके से काम कर पाएंगे। इसके लिए कलेक्टर अविनाश मिश्रा ने किसानों को मखाने की खेती का निशुल्क प्रशिक्षण देने की बात कही है। जिसमें मखाने के बीज, उसकी खेती, अधिक उत्पादन लेने का तरीका, आदि सब कुछ बताया जाएगा। जिसमें कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर चंद्राकर का कहना है कि यह 6 महीने की फसल है, और एक एकड़ से लगभग 10 क्विंटल उत्पादन मिल जाता है। अगर किसान चाहे तो प्रोसेसिंग करके मखाना बेंच सकते हैं इससे प्रति एकड़ 3 लाख की कमाई हो सकती है। बिना प्रोसेसिंग डेढ़ लाख रु ही कमाई होगी। जो कि पारंपरिक फसलों से अधिक फिर भी।

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मखाने की खेती के लिए अनुदान

मखाने की खेती में किसानों को फायदा है। यही सब देखते हुए कलेक्टर ने रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक को और नाबार्ड, नेफेड के अधिकारियों, सफल किसानों, जिला व्यापारियों, और उद्योग केंद्र के महाप्रबंधकों के साथ बैठक करके किसानों को इसकी खेती के लिए सहायता देने की बात की है। जिसमें धमतरी के किसानों को जिला प्रशासन द्वारा निशुल्क सहायता दी जाए। जिसमें कलेक्टर का यह भी कहना है कि मखाने की खेती के लिए निशुल्क प्रशिक्षण के साथ-साथ कृषि और उद्यान विभाग द्वारा शासकीय अनुदान और सहायता भी दी जाए।

मखाना का प्रोसेस करके अगर किसान बेंचते हैं तो दो गुना मुनाफा होता है। जिसके लिए स्थानीय स्तर पर यूनिट भी लगाई जाएगी। उद्योग विभाग और नाबार्ड के अधिकारियों से इस संबंध में कलेक्टर ने चर्चा भी की है। इस तरह मखाने की खेती में किसानों को मुनाफा है। सरकार भी मदद कर रही है। अगर किसानों के पास पानी की सुविधा है तो यह कमाई का एक अच्छा विकल्प है।

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