गेहूं की फसल में यदि अधिक उत्पादन प्राप्त करना है, तो पहली सिंचाई के साथ किसानों को कुछ खाद अवश्य देनी चाहिए। इससे कल्लों की संख्या अधिक आती है और फसल घनी एवं मजबूत बनती है।
गेहूं में पहली सिंचाई कब की जाती है?
गेहूं की पहली सिंचाई के साथ खाद देने से उत्पादन अधिक मिलता है। कई किसानों का प्रश्न होता है कि पहली सिंचाई कब की जाए। बता दें कि गेहूं की पहली सिंचाई बुवाई के 21 दिन बाद की जाती है। यदि खेत में नमी है, तो बुवाई के 25–26 दिन बाद सिंचाई कर सकते हैं। यदि खेत में बिल्कुल नमी नहीं है और पौधे सूखे दिखाई दे रहे हैं, तो बुवाई की तिथि के अनुसार जितनी जल्दी हो सके पहली सिंचाई कर देनी चाहिए। पहली सिंचाई के पहले और बाद में खाद की आधी-आधी मात्रा देना जरूरी रहता है। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
गेहूं की पहली सिंचाई के साथ कौन-सी खाद डालें?
- पहली सिंचाई के साथ किसान यूरिया, जिंक सल्फेट और सल्फर खाद डाल सकते हैं।
- यदि बुवाई के समय डीएपी नहीं डाली गई थी, तो अभी इसका उपयोग किया जा सकता है।
- सिंचाई से पहले यूरिया की आधी मात्रा डालें।
- सिंचाई के बाद शेष आधी मात्रा खेत में छिड़कें, जिससे यूरिया ठीक तरीके से पौधों को उपलब्ध हो सके।
- यदि खेत में दीमक की समस्या नजर आए, तो उसका उपचार भी अवश्य करें, अन्यथा उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
सही खाद देने से क्या लाभ होगा?
यदि किसान पहली सिंचाई के साथ यह खाद डालते हैं, तो अधिक कल्ले निकलेंगे, बालियां अधिक बनेंगी और दाना भरपूर मिलेगा। इससे कुल मिलाकर उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को अच्छा लाभ होगा। किसान ऐसे ही उपयोगी टिप्स के लिए हमारे साथ जुड़े रहें और इस लेख को अन्य किसानों के साथ साझा करके उनकी मदद कर सकते हैं।

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